बटालियनों के सिपाहियों ने फिर छोड़ा मेस का खाना

कुछ समय पहले ठंडे पड़े सिपाहियों के संशोधित पे बैंड का मुद्दा सरकार की उदासीनता के चलते दोबारा तूल पकड़ने लगा है। 2015 के बाद भर्ती हुए सिपाहियों ने फिर बटालियनों की पुलिस मेस में खाना बंद कर दिया है। सिपाहियों ने सोशल मीडिया की मदद से अपनी मांग आम लोगों से लेकर सरकार के नुमाइंदों तक पहुंचानी शुरू कर दी है। अमर उजाला को भी इसी तरह के कई व्हाट्सएप मैसेज मिले हैं, जिनमें दावा किया कि सिपाही अब मांग पूरी होने तक खाली पेट ही ड्यूटी देंगे।

सूत्रों के अनुसार सिपाहियों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों की मांगों को तुरंत सुना और माना जा रहा है, लेकिन नियमों में रहकर 24 घंटे ड्यूटी देते हुए अपनी बात कहने वाले सिपाहियों की बात सरकार अनसुना कर रही है। सिपाहियों के इस मेस बहिष्कार की सूचना से फिर सीआईडी से लेकर पुलिस मुख्यालय तक हड़कंप मच गया है।

हालांकि इस बार पुलिस कर्मियों को मेस रजिस्टर में रपट नहीं डालने दी जा रही है, लेकिन उन्हें जबरदस्ती खाने के लिए भी नहीं कहा जा रहा। सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार के इस सौतेले व्यवहार से सिपाहियों में भारी नाराजगी है और वे सड़क पर उतरने की भी धमकी दे रहे हैं।

इससे पहले भी दो माह पहले सीएम आवास पर पहुंचकर नाराजगी जताई थी। देशभर में हुई किरकिरी के बाद पुलिस मुख्यालय ने एक कमेटी का गठन किया, जिसने वही सिफारिश सरकार को भेजी, जो पुलिस मुख्यालय ने इससे पहले दो बार लिखित में कुछ महीने पहले भेजी थी। न तो सरकार के स्तर पर तब इस प्रस्ताव पर विचार हुआ और न ही इस बार भी फैसला लेने में जल्दबाजी कर रही है।

Spread the News