बूस्टर खुराक से जुड़े अहम सवालों पर WHO और SAGE का विराम, नई गाइडलाइनस में कही ये अहम बातें

देशभर में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। कोविड मामलों में इजाफा होने की खबरों के बीच बूस्टर डोज को लेकर चर्चा काफी ज्यादा बढ़ गई है।

तीसरी बूस्टर खुराक को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO का कहना है कि कोरोना के कम जोखिम वाले वयस्कों के लिए एक्स्ट्रा कोविड-19 वैक्सीन लेना जरूरी नहीं है। दरअसल, डब्ल्यूएचओ की तरफ से मंगलवार को कहा गया था कि जिन लोगों ने अपना प्राथमिक टीकाकरण कोर्स पूरा कर लिया है और बूस्टर खुराक भी ले ली है, उनके लिए इस वैक्सीन को बार-बार लगवाना जरूरी नहीं है। फिर भी अगर आप इसे लेना चाहते हैं, तो ले सकते हैं। हालांकि, इससे कोई खास फायदा नहीं होता है।

SAGE ने बूस्टर डोज को लेकर कही ये बात

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी यानी SAGE के वैक्सीन विशेषज्ञों द्वारा कुछ अहम बातों को जारी किया गया है। SAGE ने COVID-19 टीकाकरण के लिए तीन नई श्रेणियों का निर्माण किया है। जिसमें लोगों को उच्च जोखिम, मध्यम जोखिम और कम जोखिम के हिसाब से तीन अलग श्रेणियों में बांटा गया है। ऐसे में उच्च जोखिम वाले लोग एक्स्ट्रा बूस्टर शॉट ले सकते हैं। इस श्रेणी में मधुमेह, एचआईवी जैसी इम्यूनो कॉम्प्रोमाइजिंग बिमारियों से ग्रस्त लोगों को शामिल किया गया है।

वहीं, मध्यम जोखिम समूह में स्वस्थ वयस्क, 60 साल से कम आयु के लोग, बच्चे और किशोर शामिल हैं। इन लोगों के लिए पहली बूस्टर खुराक लेना बहुत बहुत जरूरी है। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस ऐज ग्रुप के लिए बार-बार बूस्टर खुराक लगवाने की सलाह नहीं दी जाएगी। SAGE के मुताबिक तीसरी और आखिरी खुराक दूसरी वैक्सीन के 6 या 12 महीने के अंतर पर लगवानी चाहिए। वैक्सीन का यह समय उम्र और इम्यूनोकम्प्रोमाइजिंग स्थितियों जैसे कारकों पर निर्भर होगा।

बूस्टर वैक्सीन से जुड़े कुछ अहम सवालों के जवाब

– बूस्टर खुराक कब लेनी चाहिए: विषेशज्ञों के मुताबिक दूसरे टीकाकरण के कम से कम 9 महीने बाद आप बूस्टर खुराक लगवा सकते हैं। बता दें कि यह समय सीमा सिर्फ उन लोगों के लिए लागू है, जिन्हें पहले 2 टीके लग चुके हैं। यह स्वास्थ्य पेशेवरों, कॉमरेडिटी वाले लोगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत जरूरी है।

– बूस्टर खुराक लेना क्यों है जरूरी: विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीन कोरोना वायरस से सुरक्षा देती है। साथ ही, यह भविष्य में आने वाले वेरिएंट के खिलाफ शरीर में इम्युनिटी बनाती है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि आपकी इम्युनिटी कोरोना के किसी भी वैरिएंट से लड़ने में शरीर के लिए मददगार साबित हो।

कई बार लगवा सकते हैं बूस्टर खुराक

बूस्टर डोज को कई बार लगवाया जा सकता है, यह सेहत के लिए बहुत हेल्दी साबित होती है। बता दें कि पहले बूस्टर डोज लेने के बाद इसे हर 3 महीने बाद कई बार लगवाया जा सकता है। आपको वैक्सीन लगवाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि बूस्टर डोज का असर आमतौर पर तब तक रहता है, जब तक कि कोई नया वैरिएंट नहीं आ जाता है। हालांकि, आजकल के समय में एक नया वैरिएंट आ गया है। इस वजह से कोविड-19 वैक्सीन की प्रभावशीलता और कई दैनिक परीक्षणों का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है।

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