H3N2 Virus से हुई खांसी नहीं हो रही ठीक तो करा लें ये टेस्ट, इंफेक्शन का खतरा होगा कम

देश में इन्फ्लूएंजा के H3N2 वायरस के केस कम नहीं हो रहे हैं. इस वायरस से 7 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं . बच्चों से लेकर बड़ों तक को ये वायरस संक्रमित कर रहा है. एच-3एन2 की वजह से खांसी-जुकाम, बुखार और सिरदर्द की परेशानी हो रही है, लेकिन कुछ मामलों में खांसी कई सप्ताह तक बनी हुई है. डॉक्टरों का कहना है इन्फ्लूएंजा कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है, लेकिन अगर खांसी खत्म नहीं हो रही है तो ये लंग्स इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है. ऐसे में कुछ टेस्ट कराने जरूरी हैं.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन्फ्लूएंजा का वायरस कुछ मामलों में निमोनिया भी कर सकता है. जो खतरनाक होता है. ऐसे में अगर खांसी बनी हुई है या फिर सांस लेने की परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर चेस्ट का सीटी स्कैन या फिर एक्सरे के माध्यम से बीमारी की पहचान करेंगे, जिससे किसी गंभीर खतरे से बचाव किया जा सकेगा.

मरीजों का कर रहे चेस्ट एक्स-रे

दिल्ली में मूलचंद हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. भगवान मंत्री बताते हैं कि इन्फ्लूएंजा के कई मरीजों में दो से तीन सप्ताह तक खांसी की समस्या बनी हुई है. ऐसे मरीजों का टेस्ट एक्स-रे किया जा रहा है. इससे पता चल जाता है कि लंग्स में कोई इंफेक्शन या फिर निमोनिया तो नहीं है. अगर ऐसी कोई परेशानी मिलती है तो निर्धारित प्रोटोकॉल के हिसाब से मरीज का इलाज किया जाता है. फिलहाल बहुत कम मरीजों में ही निमोनिया की शिकायत मिल रही है. अधिकतर लोगों में लक्षण खुद ही ठीक हो रहे हैं.

खुद से न लें एंटीबायोटिक

डॉ मंत्री का कहना है कि फ्लू के लक्षणों में कई मरीज खुद से एंटीबायोटिक दवाएं लेने लगते हैं. जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए. अगर सामान्य खांसी-जुकाम है तो वह खुद ही ठीक हो जाएगा, लेकिन अगर परेशानी बढ़ रही है तो डॉक्टर से सलाह लें. खुद से दवाएं लेने से काफी नुकसान हो सकता है.

कई मामलों में एंटीबायोटिक का अधिक सेवन की वजह से एंटीबायोटिक रजिस्टेंस की समस्या हो जाती है. इससे शरीर पर दवाओं का असर होना बंद हो जाता है, जिससे मरीज के इलाज में काफी परेशानी आती है. पिछले कुछ सालों में एंटीबायोटक रजिस्टेंस के केस काफी बढ़ गए हैं. ऐसे में कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.

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