चंबा: MAA प्रोग्राम के अंतर्गत एक दिवसीय आईवाईसीएफ प्रशिक्षण सम्पन्न

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला चंबा द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा के सभागार में MAA प्रोग्राम के अंतर्गत IYCF( इन्फेंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग ) के बारे चिकित्सा अधिकारियों महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्टाफ नर्स के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा डॉ कपिल शर्मा ने की । उन्होंने इसप्रशिक्षण शिविर IYCF( इन्फेंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग ) की जानकारी देते हुए बताया कि 0 से 5 साल तक के बच्चों के मृत्यु का मुख्य कारण डायरिया ,निमोनिया, व कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चा जल्द ही निमोनिया व डायरिया का शिकार हो जाता है और यदि समय पर उपचार न मिले तो वह मृत्यु का शिकार हो जाता है ।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को अपने अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी चलाए जा रहे विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सुचारु रूप से क्रियान्वित करने के लिए भी दिशा निर्देश दिए। इस प्रशिक्षण शिविर में पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जूही ने प्रशिक्षक के तौर पर भूमिका निभाई । डॉ जूही ने उन्होंने बताया कि 0 से 2 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए निम्न बिंदुओं पर ध्यान देना बहुत जरूरी है ,-जैसे जन्म के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान करवाये, 6 माह तक केवल और केवल मां का दूध ही दिया जाए ,6 माह के बाद बच्चे में मां के दूध के साथ ऊपरी आहार भी दिया जाए और 2 साल तक बच्चे को ऊपरी आहार के साथ मां का दूध पिलाना भी जारी रखा जाए ।

इसके बारे में लोगों को ग्रामीण स्तर तक जागरूकता लाना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यदि बच्चों में कुपोषण होता है तो उनका उपचार और कैसी देखभाल की जाए ,कहां की जाए, के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण में स्वास्थ्य विभाग चंबा में न्यूट्रिशनल काउंसलर के रूप में कार्यरत पूनम सहगल ने भी डॉ जूही के साथ प्रशिक्षण में सहयोगी की भूमिका निभाई। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग चंबा की तरफ़ से जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर करण हितेषी तथा स्वास्थ्य शिक्षिका निर्मला ठाकुर और दीपक जोशी भी उपस्थित रहे ।

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