1625 करोड़ के घोटाला मामले में 3 गिरफ्तार, अशोका यूनिवर्सिटी से जुड़ा है मामला

केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (ED) के द्वारा एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए करीब 1625 करोड़ रुपये के बैंक घोटाला (bank fraud case) मामले में अशोका यूनिवर्सिटी (Ashoka University) के दो पूर्व संस्थापक सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है.

ईडी के वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक शनिवार देर शाम को इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तार आरोपियों का नाम विनीत गुप्ता और प्रणव गुप्ता है, ये दोनों गिरफ्तार आरोपी सगे भाई हैं और अशोका यूनिवर्सिटी के फाउंडर सदस्य भी रहे हैं.

हालांकि इस बैंक लोन फर्जीवाड़ा मामले में जब केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने साल 2021 के 29 दिसंबर को ये मामला दर्ज किया था और जनवरी 2022 में जब सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया था, उसके बाद इन दोनों संस्थापक सदस्यों ने यूनिवर्सिटी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बाद में जांच एजेंसी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इस मामले को दर्ज कर तफ्तीश का दायरा आगे बढ़ा रही है.

चार्टर्ड एकाउंटेंट को भी जांच एजेंसी ने किया गिरफ्तार
जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक इन दोनों आरोपियों के साथ-साथ एसके बंसल नाम के एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को भी जांच एजेंसी द्वारा शनिवार शाम को ही गिरफ्तार की है. सूत्र के मुताबिक गिरफ्तारी के पहले अशोका यूनिवर्सिटी के संस्थापक सदस्यों ने कुछ गुनाह भी कबूला है जिसे विस्तार से खंगाला जा रहा है.

एक दिन पहले हुई थी 17 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन
ईडी के द्वारा शुक्रवार 27 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई, पंचकूला,अंबाला के कुल डेढ़ दर्जन लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था. ये सर्च ऑपरेशन शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे से शुरू हुई जो शनिवार को भी कुछ लोकेशन पर जारी रही. अगर मामले की बात करें तो ये मामला अपने आप में काफी चर्चित मामला है.

यूनिवर्सिटी कैंपस में तमाम सबूतों को किया जमा, सर्च ऑपरेशन जारी
दरअसल जांच एजेंसी ईडी के द्वारा एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए काफी चर्चित अशोका यूनिवर्सिटी के संस्थापक सदस्यों और करीब 1625 करोड़ के बैंक लोन फर्जीवाड़ा मामले में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए इस सर्च ऑपरेशन के दौरान तमाम सबूतों को इकट्ठा किया जा रहा है. सोनिपत स्थित यूनिवर्सिटी कैंपस में शनिवार देर शाम तक जांचकर्ता मौजूद रहें और तफ्तीश कर रहे थे.

बैंक से लिया था 1625 करोड़ का कर्ज, शराब माफिया से जुड़ सकता है कनेक्शन
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा इस केस को चंडीगढ़ जोन के द्वारा टेकओवर किया गया और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करके आगे विस्तार से इस मामले में तफ्तीश की जा रही है और काफी शुरूआती इनपुट्स को खंगालने के बाद अब जांच एजेंसी छापेमारी की और तमाम कनेक्शन को ढूंढने का प्रयास कर रही है.

राजनीतिक हस्तियों का नाम भी आ सकते हैं सामने
इन मामले की तफ्तीश में पैराबोलिक ड्रग्स लिमिटेड के निदेशकों का कई शराब कारोबारियों (liquor Mafia) के साथ बेहद करीबी संबंध होने के साथ-साथ, रियल स्टेट कारोबार से जुड़े कई बड़े कारोबारी सहित कुछ राजनीतिक हस्तियों से जुड़ा कनेक्शन भी सामने आया है, लेकिन उसकी भूमिका को जांच एजेंसी के द्वारा खंगाला जा रहा है. इस मामले में केस दर्ज होने के बाद अशोका यूनिवर्सिटी के कई संस्थापक सदस्यों ने सीबीआई जांच शुरू होने के बाद अपना पद वहां से छोड़ दिया था.

यूनिवर्सिटी ने आरोपों को किया था खारिज
हालांकि उस वक्त सोनीपत में स्थित विश्वविद्यालय के तरफ से एक बयान भी सामने आया था कि यूनिवर्सिटी के निदेशकों और पैराबोलिक ड्रग्स फार्मा कंपनी से जुड़े निदेशकों का आपस में कोई कनेक्शन नहीं है, उससे जुड़े तार को जोड़ने का प्रयास करना एक गुमराह करने जैसा है. लेकिन जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि इस मामले में जांच एजेंसी को पिछले कुछ दिनों पहले कुछ महत्वपूर्ण इनपुट्स मिले हैं, उसके बाद ही सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है.

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