हिमाचल में 6 दिन कम बारिश: मानसून की वापसी अभी नहीं होगी, तबाही में 417 लोगों की हो चुकी मौत

हिमाचल प्रदेश में मानसून 10 दिन से कमजोर पड़ा हुआ है। अगले पांच-छह दिन भी बारिश के कम आसार है। मौसम विज्ञान (IMD) की माने तो अगले कुछ दिन भी कहीं धूप और कहीं छांव रहेगी। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर ही बारिश का पूर्वानुमान है।

IMD के अनुसार हिमाचल में मानसून धीमा जरूर पड़ा है, लेकिन इसके जल्दी जाने की संभावना नहीं है। अभी राजस्थान से भी मानसून जाना शुरू नहीं हुआ। देश में सबसे पहले राजस्थान से ही मानसून विड्रा होना शुरू होता है। इसके सप्ताहभर बाद हिमाचल से भी मानसून विदा लेता है।

प्रदेश से मानसून के विड्रा होने की नॉर्मल डेट 24 सितंबर है। इस बार भी नॉर्मल डेट के आसपास ही मानसून हिमाचल से विदा हो सकता है। राहत की बात यह है कि पहाड़ों पर मानसून पिछले 10 दिन से कमजोर पड़ गया है। प्रदेशवासियों ने इससे राहत की सांस ली है।

पिछले 8 दिन में नॉर्मल से 72% कम बारिश

प्रदेश में एक से आठ सितंबर तक नॉर्मल बारिश 44.1 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार मात्र 12 MM पानी गिरा,जो नॉर्मल से 73 फीसदी कम है। ऊना जिले में नॉर्मल से 99 फीसदी, लाहौल स्पीत में 98 और कुल्लू में 97 प्रतिशत कम बरसात हुई है।

इसी तरह सिरमौर व सोलन जिले में 87 प्रतिशत, शिमला में 78 प्रतिशत, मंडी में 64 प्रतिशत, किन्नौर में 83 प्रतिशत, कांगड़ा में 44 प्रतिशत, हमीरपुर में 78 फीसदी, चंबा में 59 फीसदी और बिलासपुर जिले में नॉर्मल से 64 प्रतिशत कम बरसात हुई है।

1 जून से 8 सितंबर तक नॉर्मल से 26% ज्यादा बारिश

वहीं एक जून से 8 सितंबर तक मानसून सीजन के दौरान नॉर्मल से 26 फीसदी ज्यादा बरसात पहाड़ों पर हुई है, वो भी कुछ दिन व चंद घंटों के भीतर होनी है। इसी वजह से पहाड़ों पर सदी की सबसे भीषण तबाही हुई इस बरसात में हुई है। ऊना और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में नॉर्मल से ज्यादा मेघ बरसे है। सोलन जिले में नॉर्मल से 86 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है।

शिमला में 79 फीसदी, बिलासपुर में 66%, चंबा में 8%, हमीरपुर में 45%, कांगड़ा में 9%, किन्नौर में 28%, कुल्लू में 55%, लाहौल स्पीति में 35%, मंडी में 50%, सिरमौर में नॉर्मल से 47% ज्यादा बरसात हुई है। प्रदेश में नॉर्मल से काफी ज्यादा बारिश के कारण शिमला, मंडी, कुल्लू और सोलन जिले में ही सबसे ज्यादा तबाही हुई है।

417 लोगों की मौत

प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान 417 लोगों की जान चली गई है, जबकि 39 लोग लापता है। भारी बारिश, फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड से 8672 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है।

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