जन्म-मृत्यु के रजिस्ट्रेशन के लिए अब आधार कार्ड की नहीं पड़ेगी जरूरत, सरकार ने लोगों को दी बड़ी राहत

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जन आधार नंबर जरूरी था . इस नंबर के बिना प्रमाण पत्र नहीं बनने को लेकर आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय ने पहले आदेश जारी किया था. लेकिन अब केंद्र सरकार ने लोगों को बड़ी राहत दे दी है. सरकार ने रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय को बिना आधार पंजीकरण करने की अनुमति दे दी है.

अब पंजीकरण के लिए आधार नंबर की जरूरत नहीं होगी. आधार अनिवार्य नहीं होगा. 27 जून को एक अधिसूचना रिलीज की गई है. जिसमें ये कहा गया है कि ‘इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आरजीआई कार्यालय को जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के दौरान दिए गए पहचान विवरण को प्रमाणित करने के लिए आधार डेटाबेस का उपयोग करने की अनुमति दे दी है.’

इस अधिनियम के तहत मिली अनुमति

जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के तहत ये अनुमति मिली है. जिसमें कहा गया है कि नियुक्त रजिस्ट्रार को रिपोर्टिंग फॉर्म जन्म या मृत्यु में मांगे गए अन्य विवरणों के साथ एकत्र किए जा रहे आधार नंबर के सत्यापन के लिए स्वैच्छिक आधार पर हां या नहीं का विकल्प चुनने की अनुमति दी जाएगी.

निर्धारित दिशानिर्देशों का होगा पालन

मामला जन्म के मामले में बच्चे, माता-पिता और सूचना देने वाले की पहचान करने के उद्देश्य से हो सकता है. राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन आधार प्रमाणीकरण के उपयोग के संबंध में मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करेंगे. साल 2020 में मंत्रालय ने नियमों को अधिसूचित किया था, जिसमें कहा था कि केंद्र सरकार सुशासन, सार्वजनिक धन के फ्लो को रोकने और जीवन में आसानी देने के लिए संस्थाओं से अनुरोध करके आधार प्रमाणीकरण की अनुमति दे सकती है.

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