टमाटर के बाद अब मसालों के रेट आई तेजी, प्याज भी लगा आंखें दिखाने, आम के मौसम में अचार बनाना भी हुआ महंगा।

गौरव जैन (सुजानपुर) अभी टमाटर के रेट महंगे हुए ही थे की टमाटर को देखते देखते प्याज ने भी आंखें दिखाना शुरू कर दी है । कुल मिलाकर बात करे तो सब्जी और मसालो के रेट ने किचन का सारा मजा किरकिरा कर दिया है और महीने के बजट को भी हिला कर रख दिया है । ग्रीष्म ऋतु जिसमें आम का अचार डालना हर किसी की पहली पसंद है मसाले के बढ़ते रेट ने आम का अचार डालना भी महंगा कर दिया है। बढ़ते दामों के कारण ना तो सब्जी में सही तरीके से टमाटर प्याज का तड़का लग रहा है और ना ही उसमें मसाले डाले जा रहे है। टमाटर, प्याज ,जीरा, धनिया, लाल मिर्च, मीठी सोंफ़, अजवाइन, मेथी, सब के रेट महंगे हो गए है। सरसों का तेल ओर रिफाइंड को छोड़कर हर एक खाद्य बस्तु महंगी हो गई है।

वर्तमान में अगर टमाटर की बात करें तो इसका रेट होलसेल ही सो रुपए प्रति किलो है और मार्केट में ₹120 किलो ग्राहकों को बेचा जा रहा है । उसी तरह अगर प्याज की बात करें तो बीते सप्ताह प्याज का रेट 15 से ₹20 प्रति किलो था लेकिन वर्तमान में उसका रेट अब डबल हो गया है। मतलब मार्केट में होलसेल रेट में ही प्याज ₹30 किलो बिकना शुरू हो गया ह। बात अगर मसालों के राजा जीरा की करे तो इसके दाम ने तो आसमान छू लिया है, कभी ₹१००- ₹120 प्रति किलो बिकने वाला जीरा आज सबसे उचित मूल्य ₹800 प्रति किलो की दर से बिकना शुरू हो गया ह। जीरे के रेट में लगातार वृद्धि हो रही है पहले इसका रेट 200 हुआ फिर 300 फिर 500 अब रेट 800 पहुंच गया है। उसी तरह बात अगर धनिया की करें उसके रेट में भी ₹100 किलो का इजाफा हुआ है। मार्केट में अब बेहतरीन गुणवत्ता वाला धनिया ढाई सौ से ₹300 प्रति किलो बिक रहा है । वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु है इस ऋतु में हर कोई आम का अचार डालना चाहता है और आम के अचार में डलने वाले तमाम मसाले जिसमें विशेष रूप से मीठी सोफ़, अजवाइन, मेथी, हल्दी ,शामिल है सभी के रेट महंगे हुए हैं। मीठी सौंफ ने तो लंबी छलांग लगाते हुए अपना रेट ढाई सौ से सीधा ₹500 प्रति किलो कर दिया है। इसी तरह अजवाइन जो डेड सो रुपए प्रति किलो मिलती थी अब ढाई सौ रुपए प्रति किलो मिल रही है, लाल मिर्च ढाई सौ से सीधा 350 प्रति किलो मेथी सौ से डेढ़ सौ रुपए प्रति किलो मार्केट में बिक रही है। हल्दी 150 से 200 प्रति किलो बिक रही है ,सरसों का तेल 100 से ₹120 प्रति लीटर ,रिफाइंड ₹100 प्रति लीटर बाजार में उपलब्ध है केवल खाद्य तेलों को छोड़कर हर एक वस्तु के रेट में बढ़ोतरी हुई है। बढ़ोतरी क्यों हो रही इसका सबसे बड़ा कारण बिना बरसात के हुई बारिश है बारिश ने तमाम वस्तुओं के रेट बढ़ा दिए हैं। बारिश से तमाम चीजों की फसल तबाह हो चुकी है। भविष्य में खाद्य वस्तुओं के दाम गिरते हैं या और बढ़ते हैं यह तो देखने वाली बात होगी लेकिन वर्तमान में जिस तरह से रेट बढ़ रहे हैं गरीब और मध्यम वर्ग हाय तौबा कर रहा है। विशेष रूप से महिलाएं रसोई घर में क्या इस्तेमाल किया जाए क्या ना किया जाए इस बात को लेकर चिंतित हैं।

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