हिमाचल: एग्जाम के बाद भी स्कूल आएंगे बच्चे, प्रदेश में 9वीं से 12वीं के लिए एकेडमिक एक्टिविटी निर्धारित
राज्य सरकार ने 9वीं से 12वीं की कक्षाओं के बच्चों के लिए एकेडमिक एक्टिविटी नए सिरे से तय की है। पुरानी प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए हैं। राज्य सरकार और शिक्षा सचिव के निर्देश के बाद उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत कुमार शर्मा ने ये निर्देश सभी डिप्टी डायरेक्टर को जारी कर दिए हैं। क्लस्टर स्कूल सिस्टम लागू करने के बाद यह दूसरा बड़ा बदलाव है। नए निर्देशों को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक प्रक्रिया एसए-2 यानी सम्मेटिव असेस्मेंट-2 मूल्यांकन के बाद स्कूल में अपनाई जाएगी और इसके अनुसार परीक्षा के बाद भी छात्रों को विंटर क्लोजिंग में 31 दिसंबर तक और समर क्लोजिंग में 31 मार्च तक स्कूल आना होगा। परीक्षा के बाद छात्रों को पाठ्य चर्चा और सह पाठयक्रम गतिविधियों में व्यस्त रखा जाएगा। उच्च कक्षाओं में हेल्थ एंड वेलनेस पर इंटरेक्टिव सत्र आयोजित होंगे और अतिरिक्त पढऩे के लिए लाइब्रेरी के संसाधनों से बच्चों को जोडऩा होगा। इस अवधि में गेस्ट लेक्चरर भी आयोजित किए जा सकते हैं। इस दौरान स्कूल करियर परामर्श कार्यशाला का आयोजन भी करेंगे, ताकि बच्चों को अपना करियर चुनने में आसानी हो।
सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए बच्चों के टेलेंट की पहचान का भी यह अवसर होगा। नए शैक्षणिक सत्र के पहले 15 दिनों में 9वीं से 12वीं कक्षाओं के लिए अलग से निर्देश हैं। नए सत्र में पहले दिन से ही पढ़ाई शुरू की जाएगी। पहले 15 दिनों में हिंदी, अंग्रेजी और गणित की बुनियादी क्षमताओं की बढ़ोतरी पर ध्यान दिया जाएगा। हर रोज पहले दो घंटे केवल हिंदी, अंग्रेजी तथा गणित की पढ़ाई होगी। शिक्षक लगातार बच्चों के लर्निंग आउटकम को जानेंगे और कमजोर बच्चों को शुरू से ही निदानात्मक शिक्षण करवाएंगे। पहले 30 दिन के बाद शिक्षक अभिभावकों के साथ मीटिंग कर उसमें बच्चों की उपलब्धियां को साझा करेंगे। यानी पहले महीने में ही पीटीएम जरूरी होगी। पूरी कक्षा को भाषा और गणित के अधिगम स्तर के अनुसार समूह में विभाजित किया जाएगा। भाषा में कम स्तर प्राप्त करने वाले बच्चों के साथ शिक्षक अधिक समय बिताएंगे। समझ के साथ पढऩे वाले बच्चों को अन्य बच्चों की मदद करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।