Delhi News: मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू, वकील ने दी पत्नी की ‘बीमारी’ की दलील
नई दिल्ली. दिल्ली की आबकारी नीति को तैयार करने से लेकर उसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं और वित्तीय गड़बड़ियों के मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत कल सोमवार को बढ़ा दी गई थी. अब दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की जा रही है.
सीबीआई मामले पर जमानत पर सुनवाई चल रही है. मनीष के वकील दयान कृष्णन ने अपनी दलील शुरू की है. उन्होंने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि मनीष का मोबाइल फोन सीज हो चुका है. दूसरे फोन को लेकर हम पहले ही जवाब दे चुके हैं. हमारी कोर्ट से अपील है कि अब मनीष की जमानत पर रिहाई का आदेश दिया जाए.
सिसोदिया के वकील ने कहा कि LG द्वारा CBI को जांच सौंपे जाने वाले दिन मोबाइल फोन बदला जाना सिर्फ एक इत्तेफाक है. सिसोदिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि वह एक पब्लिक सर्वेंट हैं, मामले में दो और पब्लिक सर्वेंट हैं जिनको गिरफ्तार भी नहीं किया गया और उनको जमानत मिल चुकी है.
मनीष सिसोदिया के वकील ने अपनी दलील देकर कहा कि इस मामले में सीबीआई सिर्फ मनीष को परेशान कर रही है. आबकारी मामले में सीबीआई की जांच मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकीं हैं. सीबीआई के पास इस मामले में अब कुछ नया नहीं है. मनीष के वकील पी चिदम्बरम केस का हवाला दे रहे हैं.
मनीष के वकील ने कहा कि उनकी पत्नी कई बीमारियों से जूझ रही हैं कोई भी उनके साथ देखभाल के लिए नहीं है. मनीष सिसोदिया की पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट को भी कोर्ट में जमा किया जा चुका है. उन्होंने जांच एजेंसी को जांच में हमेशा सहयोग दिया है. उनको जमानत दी जानी चाहिए.
सीबीआई के वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया के पास 18 मुख्य विभाग थे. उनको इसकी सारी जानकारी थी. सीबीआई ने सिसोदिया की तरफ से दी गई दलील का विरोध किया है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि दिल्ली आबकारी मामले में एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट में जिसको रवि धवन ने तैयार किया था सीबीआई ने कहा कि आबकारी नीति मामले में सिसोदिया राहुल धवन को हटाकर राहुल सिंह को ले आए. फिर उसके बाद आबकारी नीति में कई बदलाव किए गए. उसके बाद नई नीति बनाकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया गया.