आपदा प्रभावितों को एक साल तक ऋण की किस्तें भरने से छूट, पीड़ितों को सही समय पर मुआवजा देने का निर्देश
प्रदेश में नियमित तौर पर ऋण की अदायगी करने वाले आपदा प्रभावितों को एक साल तक किस्तें न देने की छूट दे दी गई है। नियमित ऋण चुकाने वाले कर्जदाताओं के लिए मोरेटोरियम अवधि एक साल बढ़ेगी।राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति ने बैठक में प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के चलते ऋण पुनर्गठन का फैसला लिया है। भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए यह पहल की गई है। बीमा कंपनियों को भी उचित समय पर प्रभावितों को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।
बैंकों से मुख्यमंत्री राहत आपदा कोष में योगदान देने का अनुरोध
वीरवार को शिमला में हुई बैंकर्स समिति की बैठक में प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग ने कहा कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया के दिशा-निर्देश के अनुसार प्रभावित लोगों को राहत उपाय प्रदान करने के लिए फैसला लिया है। बैंकर्स समिति के अधिकारियों ने बताया कि ऋण अवधि के दौरान मोरेटोरियम अवधि वह समय है, जब उधारकर्ता को किसी भी पुनर्भुगतान की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने सभी बैंकों से मुख्यमंत्री राहत आपदा कोष में योगदान देने का अनुरोध भी किया।