हिमाचल में पहले कैबिनेट मीटिंग बीच में छोड़ी, अब 6 बागी कांग्रेसियों से मिले सुक्खू सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह

हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट खत्म हो चुका है. छह बागियों की वजह से सरकार पर बड़ा संकट आया था, जो तीन दिन की माथापच्ची और मंथन के बाद समाप्त हो गया. स्पीकर ने बागियों की विधानसभा सदस्यता जहां खत्म कर दी थी. लेकिन अब सरकार इन बागियों के संपर्क में हैं. सूत्र बताते हैं कि एक कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने चंडीगढ़ में बागियों के साथ मुलाकात की है. बता दें कि शिमला गुरुवार को कैबिनेट मीटिंग को भी मंत्री ने बीच में छोड़ दिया था और चले गए थे.

सूत्रों के अनुसार, सरकार के एक कैबिनेट मंत्री  विक्रमादित्य सिंह ने बागी कांग्रेसी नेताओं से बाततीच की है. यह मुलाकात चंडीगढ़ के एक होटल में हुई है. यहां मंत्री  विक्रमादित्य सिंह की गाड़ी होटल के बाहर स्पॉट हुई है. फिर मंत्री ने बागी कांग्रेस नेताओं से मीटिंग की है. हालांकि, मीटिंग की ज्यादा जानकारी नहीं मिली है. लेकिन बताया जा रहा है कि मंत्री दिल्ली जाएंगे. इनका टूअर प्लान भी सामने आया है. प्लान के मुताबिक, विक्रमादित्य सिंह चंडीगढ़ से शाम चार बजे के करीब हवाई जहाज के जरिये दिल्ली जाएंगे. वहां पर परिवहन मंत्रालय के अफसरों से दो मार्च को मीटिंग करेंगे और फिर तीन मार्च को शिमला लौटेंगे. अभी विक्रमादित्य सिंह चंडीगढ़ के होटल ललित में ही मौजूद हैं. यहीं बागी कांग्रेसी भी ठहरे हुए हैं.

कल CM ने दिए थे संकेत, वापसी के दरवाज़े खुले हैं

गौरतलब है कि गुरुवार को शिमला में सीएम सुक्खविंदर सिंह सुक्खू ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान उन्होंने संकेत दिए थे कि बागियों की पार्टी में वापसी हो सकती है. सीएम सुक्खू ने ओक ओवर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि सभी अपने छोटे भाई हैं और कुछ तो बड़े भी हैं. बागियों की गलती माफ की जा सकती है. दो विधायकों की पत्नियां मुझसे मिलने आई थी. हालांकि, इस बीच सीएम की बात को बीच में हुड्डा और डीके शिवकुमार ने काट दिया था.

प्रतिभा सिंह ने भी किया था समर्थन

शिमला में गुरुवार को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बागियों का समर्थन करते हुए कहा था कि जल्दबाजी में फैसला हुआ है. जब पूछा गया कि छह बागी कांग्रेसियों के विधायिकी के निष्कासन के फैसले लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि बिलकुल असर पड़ेगा. जब आपको एक साल से अधिक का समय हो गया है और आप उनकी बात नहीं सुन रहे. उनका नाराज होना जायज सी बात है. उनको बिठाते और बातचीत करते तो कोई सॉल्युशन निकालते तो आज यह हालात पैदा नहीं होते.

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