HP Assembly Budget Session: स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर विपक्ष हमलावर, 18 विधायकों ने रखे सुझाव
हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी का आरोप लगाकर विपक्ष ने सोमवार को विधानसभा सदन में राज्य सरकार को घेरा। स्वास्थ्य व परिवार कल्याण के कटौती प्रस्ताव पर विपक्ष के 18 विधायकों ने अपने सुझाव रखे। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल कटौती प्रस्ताव पर अपना जवाब देंगे। चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों ने हिमकेयर, सहारा और आयुष्मान योजना का मरीजों को लाभ नहीं मिलने का आरोप लगाया। स्वास्थ्य संस्थानों में डाॅक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ के पद भरने सहित कोरोनाकाल के दौरान नियुक्त आउटसोर्स कर्मचारियों को दोबारा नौकरी देने की मांग उठाई। विपक्ष के विधायकों ने प्रदेश में दवा माफिया के हावी होने का मामला भी उठाया। इसके अलावा विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत करने की मांग भी रखी।
ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी कुछ किया जाने की जरूरत है। दवा माफिया ने दवाइयों पर कमीशन के जरिये करोड़ों की संपत्ति बना ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि माफिया दबाव बनाकर डाॅक्टरों के तबादले भी कर रहा है। उन्होंने इससे निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठाई। पांवटा से विधायक सुखराम चौधरी ने पांवटा के मुख्य अस्पताल में स्टाफ की कमी का मुद्दा उठाया। पांवटा साहिब का सिविल अस्पताल बीमार है और आईसीयू में चला गया है। मंडी से विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अस्पतालों में स्टाफ की भारी कमी है और ग्रामीण इलाकों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। चुराह से विधायक हंसराज ने कहा कि मेडिकल काॅलेज चंबा में डाॅक्टरों की भारी कमी है।
कई विभागों में उपयुक्त स्टाफ नहीं है। चुराह के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में सरकार बदलने पर कई डाॅक्टरों के तबादले कर दिए गए। भरमौर से विधायक डाॅ. जनकराज ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र पांगी-भरमौर की दुर्गम भौगोलिक को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने की जरूरत है। भरमौर में डाॅक्टरों के 127 पद स्वीकृत हैं और इनमें 87 पद रिक्त हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से वर्तमान जनसंख्या के हिसाब से डाॅक्टरों का कैडर बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने डाॅक्टरों की एनपीए की मांग को भी जायज ठहराया।
श्रीनयना देवी के विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि एक ओर सरकार बेसहारा व अनाथ बच्चों के लिए सुखाश्रय योजना चला रही है, तो दूसरी ओर हिमकेयर और सहारा योजना के पैसे लटकाकर विरोधाभास पैदा कर रही है। रणधीर शर्मा ने दवा कंपनियों के सैंपल फेल होने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि इसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है। सरकार को आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। रणधीर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा कि है कि सरकार हर हलके में सुविधाओं से लैस आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाएगी। लेकिन श्री नयनादेवी का आदर्श स्वास्थ्य संस्थान एक ही डाॅक्टर के सहारे चल रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर भाजपा विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों के स्वास्थ्य संस्थानों से भेदभाव करने का आरोप लगाया। कोरोना काल में ऑक्सीजन प्लांट के लिए आउटसोर्स पर तैनात कर्मचारियों को दोबारा से नियुक्त करने की भी मांग की।
नाचन से विधायक विनोद कुमार ने कहा कि उनके विधानसभा में चार आयुर्वेदिक अस्पतालों में डाॅक्टरों की भारी कमी है और सरकार जल्द यहां नियुक्तियां करे। सरकाघाट के विधायक दिलीप ठाकुर ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों में मेल व फीमेल हेल्थ वर्करों के कई पद रिक्त हैं। बिलासपुर से विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान और पूर्व सरकार की हिमकेयर योजना गरीबों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन मौजूदा सरकार इन योजनाओं की धनराशि लटकाने का काम कर रही है। द्रंग से विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने कहा कि उनके हल्के में मेडिकल स्टाफ के कई पद रिक्त चल रहे हैं। चर्चा में भाजपा विधायक रीना कश्यप, राकेश जम्बाल, जीतराम कटवाल, पवन काजल, डीएस ठाकुर और इंद्र सिंह ने भी हिस्सा लिया। शाम सात बजे सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।