भारत आबाद, PAK बर्बाद… अडानी की सिर्फ एक कंपनी पाकिस्तानी शेयर बाजार के बराबर

पाकिस्तान में क्या हालात हैं ये किसी से छिपा नहीं है. अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) का सामना कर रहे देश को भले ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओऱ से 3 अरब डॉलर की मदद की मंजूरी दी गई है, लेकिन दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गए पाकिस्तान की स्थिति में कितना सुधार आएगा ये कहना अभी मुश्किल है.

 

सरकार का खजाना लगभग खाली हो चुका है और पाकिस्तानी रुपया हर रोज गिरने का रिकॉर्ड बना रहा है. इस बीच पाकिस्तानी शेयर बाजार भी बदहालू के आंसू रो रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय कारोबारी घराने Tata Group की एकमात्र कंपनी का मार्केट कैप ही पूरे PAK Stock Market की वैल्यू से करीब 7 गुना ज्यादा है. वहीं गौतम अडानी की एक कंपनी का मार्केट कैप इसके बराबर बैठता है.

ऐसे गिरती गई पाकिस्तानी शेयर बाजार की वैल्यू
दरअसल, बीते छह साल का इतिहास देखें तो पाकिस्तानी शेयर बाजार का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगातार घटता ही रहा है. मई 2017 में PAK Stock Market का बेंचमार्क इंडेक्स KSE100 52,000 अंकों के शिखर पर था और स्टॉक मार्केट की वैल्यूएशन 99.52 अरब डॉलर थी. इसके अगले साल मई 2018 में देश में हुए आम चुनावों के बाच ये कम होकर 76.30 अरब डॉलर रह गई. गिरावट का ये सिलसिला इसके बाद भी लगातार जारी रहा और मई 2019 में ये और घटकर करीब आधा 47.52 अरब डॉलर पर आ गया.

साल 2020 में इसमें एक बार फिर से गिरावट आई और पाकिस्तानी शेयर बाजार की वैल्यू 40.23 अरब डॉलर रह गई. हालांकि, 2021 में इसमें तेजी आई औऱ ये 52.05 अरब डॉलर तक बढ़ गया. लेकिन ये तेजी जारी नहीं रह सकी और बीते साल अप्रैल 2022 में ये गिरकर 21.83 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. फिलहाल, की बात करें तो अभी भी इसकी वैल्यू 20 अरब डॉलर के आस-पास ही बनी हुई है. वहीं गौतम अडानी के नेतृत्व वाली अडानी पोर्ट (Adani Port) कंपनी का मार्केट कैप करीब 20 बिलियन डॉलर है. यानी पाकिस्तान शेयर बाजार के बराबर केवल अडानी की एक कंपनी की वैल्यू है.

हाल ही में IMF की ओर से पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज को मंजूरी दिए जाने के बाद पाकिस्तानी शेयर बाजार के केएसई-100 इंडेक्स में तेजी जरूर देखने को मिली थी.

TCS के आगे कहीं नहीं टिकता PAK शेयर बाजार
अब बात करें टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की, तो इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 147 अरब डॉलर है. ये आंकड़ा पाकिस्तानी शेयर बाजार की मार्केट वैल्यू की तुलना में सात गुना से भी ज्यादा होता है. भारतीय रुपयों में अगर देखें तो टीसीएस की वैल्यूएशन 12.16 लाख करोड़ रुपये होती है. सिर्फ TCS ही नहीं बल्कि भारतीय कारोबारी सेक्टर में कई ऐसी कंपनियां मौजूद हैं, जिनकी वैल्यू पाक शेयर मार्केट से कहीं ज्यादा है.

इन भारतीय कंपनियों की वैल्यू भी ज्यादा
पाकिस्तानी शेयर बाजार की कुल वैल्यू के बराबर मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कुछ भारतीय कंपनियों की बात करें तो इनमें एनटीपीसी लिमिटेड (NTPC Limited) (मार्केट कैप- 22.90 अरब डॉलर), महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra&Mahindra) (मार्केट कैप- 22.48 अरब डॉलर), पॉवरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Powergrid Corp) (मार्केट कैप- 21.57 अरब डॉलर) और गौतम अडानी के नेतृत्व वाली अडानी पोर्ट (Adani Port) (20 अरब डॉलर) शामिल है.

महंगाई की मार अभी भी जारी
पाकिस्तान के ताजा हालातों की बात करें तो भले ही देश में देश लंबे समय से महंगाई की मार से जूझ रहा है, पिछले दो महीने से देश की मुद्रास्फीति दर (Pakistan Inflation Rate) एशिया में सबसे ज्यादा थी. हालांकि, जून 2023 में इसमें कमी आई है और देश में महंगाई 29.4 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है. इससे पहले मई 2023 में ये 38 फीसदी के उच्च स्तर तक पहुंच गई थी.

IMF का चौथा सबसे बड़ा कर्जदार
इसके अलावा कर्ज की बात करें तो पाकिस्तान अब तक पूरी दुनिया से अरबों रुपये का कर्ज ले चुका है. देश के ऊपर कुल कर्ज और देनदारी 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक है. इसमें करीब 35 फीसदी हिस्सा केवल China का है. यही नहीं हाल ही में IMF से 3 अरब डॉलर के लोन की मंजूरी के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का चौथा सबसे बड़ा कर्जदार बन गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक पाक पर आईएमएफ का 7.4 अरब डॉलर कर्ज था, जो नए लोन के बाद बढ़कर 10.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.

आईएमएफ से मदद पाने वाले सबसे बड़े कर्जादारों की लिस्ट में पहले नंबर पर अर्जेंटीना (Argentina) सबसे ऊपर है और उस पर करीब 46 अरब डॉलर का कर्ज है. दूसरे नंबर पर 18 अरब डॉलर के साथ इजिप्ट (Egypt) का नाम आता है, वहीं तीसरे नंबर पर 12.2 अरब डॉलर के साथ यूक्रेन (Ukraine) का नाम आता है. बता दें पाकिस्तान से पहले इक्वाडोर (Ecuador) 8.2 अरब डॉलर के साथ चौथे स्थान पर था.

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