करोड़ों का आसामी निकला पटवारी, लोकायुक्त ने दी चार ठिकानों पर दबिश

 जिले में पदस्थ एक पटवारी करोड़ों का आसामी निकला। यह खुलासा लोकायुक्त पुलिस द्वारा की गई छापामार कार्रवाई में हुआ है। इंदौर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने गुरुवार सुबह 5.00 बजे पटवारी के चार ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। टीम को जांच के दौरान चार मकान, सात दुकान और कई जगहों पर जमीन होने के दस्तावेज मिले हैं। इसके साथ ही साढ़े चार लाख रुपये कैश और सोने-चांदी के जेवर भी मिले हैं। पटवारी ने अपनी दो बहनों के नाम भी जमीन खरीदी थी। समाचार लिखे जाने तक एक करोड़ 71 लाख की संपत्ति का खुलासा हो चुका है।जानकारी के अनुसार, पटवारी जितेंद्र सोलंकी गोगांवा तहसील में पांच साल से पदस्थ हैं।
उसके खिलाफ शिकायत के आधार पर गोपनीय सत्यापन करवाया गया, जिसमें शिकायत सही पाई गई थी। उसके बाद आय से अधिक मामले पंजीबद्ध किया गया। गुरुवार को इंदौर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने पटवारी जितेन्द्र सोलंकी के खरगोन में गौरीधाम कॉलोनी स्थित मकान सहित अन्य 4 जगहों पर भी दबिश दी। प्रारंभिक जांच में इंदौर के चंदन नगर में 6 दुकान और एक फ्लैट, खरगोन के राधा वल्लभ मार्केट में एक दुकान, ईश्वरी नगर में तीन मंजिला मकान, एक चार पहिया वाहन व दो टू व्हीलर, मूलथान और मोघन में कृषि भूमि के साथ गोगांवा में दुकान होने की जानकारी मिली है।लोकायुक्त टीम की खरगोन के मकान पर जांच दोपहर 12 बजे तक तक चली।

इंदौर लोकायुक्त डीएसपी संतोष भदौरिया और प्रवीण बघेल के नेतृत्व में 22 सदस्यीय टीम पटवारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर छानबीन कर रही है।लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण बघेल ने बताया कि पटवारी के पास आय से अधिक संपत्ति पाई गई है, जिसमें गौरीधाम में दो मंजिला मकान मिला। इस इंटीरियर लग्जरी है। इसके लगभग सभी कमरों में एसी और साज-सज्जा के सारे सामान हैं। ईश्वरी नगर में चार मंजिला मकान बनाया हुआ है, जिसे किराए से दिया हुआ है।

इसके अतिरिक्त राधावल्लभ मार्केट में एक दुकान को वेरिफाई किया गया है।डीएसपी के अनुसार पटवारी के पास उसके पैतृक गांव मूलथान में भी दो मकान हैं। एक मकान का निर्माण हो रहा है। वहां 11 एकड़ जमीन भी है। इंदौर में 6 छोटी दुकानें मिली हैं।

इसके अलावा मोघन, महुमांडली और बिस्टान गांव में अपनी बहनों के नाम पर इन्वेस्ट किया है, इस बात की पुष्टि हुई है। इनके पास टाटा इंडिका कार और 2 दो पहिया वाहन हैं। इनके घर से करीब ढाई लाख रुपए के सोने की और 60 हजार की चांदी की ज्वैलरी मिली है। वहीं, लगभग साढ़े चार लाख रुपए के कैश मिला है।डीएसपी बघेल ने बताया कि जितेंद्र की नौकरी की शुरुआत 1998 में हुई थी। उसका 25 साल का सेवाकाल हो चुका है, जिसमें लगभग 60 लाख रुपये की आय वेतन से हुई है। वहीं, इनके पास से लगभग 1 करोड़ 71 लाख की संपत्ति का खुलासा हो चुका है। अभी खरगोन के गौरीधाम स्थित मकान के अलावा बाकी के ठिकानों पर जांच जारी है।

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