इन सड़ी हुई चीजों से बन रहे थे आपकी रसोई के मसाले, क्राइम ब्रांच को मौके से मिली ऐसी-ऐसी चीजें, खुली रह गईं सबकी आंखें

यदि आपको पता चल जाए कि आपकी रसोई में मौजूद हल्‍दी, गरम मसाला, अमचुर पाउडर सहित अन्‍य मसाले किन चीजों से बने हैं, तो शायद आप उन्‍हें खाना तो दूर, छूना भी पसंद नहीं करेंगे. जी हां, दिल्‍ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ऐसे दो कारखानों को सील किया है, जहां पर सड़ी हुई चीजों, केमिकल, पेड़ों की छाल और लकड़़ी के बुरादे से विभिन्‍न मसाले बनाए जा रहे थे.

इस दोनों कारखानों में बने मसालों को विभिन्‍न प्रसिद्ध ब्रॉड के पैकेट में पैक कर बाजार में बेंचा जा रहा था.  क्राइम ब्रांच की टीम ने इन कारखानों से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान दिलीप सिंह, सरफराज और खुर्शीद मलिक के रूप में हुई है. वहीं, पुलिस ने छापेमारी के दौरान दोनों कारखानों से मसालों को बचाने में इस्‍तेमाल किये जा रहे केमिकल व सड़ा हुआ सामान बरामद किया है.

पुलिस उपायुक्‍त (क्राइम ब्रांच) राकेश पावरिया के अनुसार, बीते दिनों इंटेलीजेंस इनपुट मिला था कि उत्‍तर पूर्वी दिल्‍ली के कुछ दुकानदार और मसाला निर्माण विभिन्‍न ब्रांडों के नाम पर दिल्‍ली-एनसीआर में मिलावटी मसाले बना कर बेंच रहे हैं. इस इनपुट को खंगालने की जिम्‍मेदारी एएसआई कंवरपाल को दी गई. इनपुट में मिली जानकारी की पुष्टि होने के बाद इंस्‍पेक्‍टर वीरेंद्र सिंह के नेतृत्‍व में एक टीम का गठन किया गया था.

इस तरह फैक्‍टरी में तैयार हो रहा था हल्‍दी पाउडर
डीसीपी राकेश पावरिया के अनुसार, क्राइम ब्रांच की टीम ने उत्‍तर पूर्वी दिल्‍ली के करावल नगर इलाके में चल रही फैक्‍टरी में छापेमारी की, जहां से दिलीप सिंह उर्फ बंटी और खुर्शीद मलिक को गिरफ्तार किया गया. जिस समय क्राइम ब्रांच की टीम ने इस कारखाने में छापेमारी की, उस समय वहां पर अखाद्य प्रतिबंधित अस्वच्छ वस्तुओं, कई तरह के एसिड और तेल को मिलकार हल्‍दी तैयार की जा रही थी. इसके बाद, क्राइम ब्रांच की टीम ने करावल नगर के काली खाता रोड़ पर चल रहे कारखाने में छापेमारी कर सरफराज नामक शख्‍स को गिरफ्तार कर लिया.

 

इन सड़ी हुई चीजों से बन रहे थे रसोई के तमाम मसाले
पूछताछ में दिलीप सिंह ने बताया कि वह इस कारखाने का मालिक है, जबकि खुर्शीद मलिक इन मिलावटी मसालों की आपूर्ति बाजार में करता था. जांच के दौरान, क्राइम ब्रांच की टीम को यह पता कि हल्दी पाउडर, गरम मसाला पाउडर, अमचूर पाउडर सहित अन्‍य मसालों को बचाने के लिए सड़े हुए चावल, सड़े हुए नारियल, नीलगिरी के पत्ते, सड़े हुए जामुन, लकड़ी का बुरादा, साइट्रिक एसिड, चोकर, सूखी मिर्च के डंठल के अलावा कई तरह के केमिकल का इस्‍तेमाल किया जाता था. क्राइम ब्रांच के अनुसार, मौके से बरामद हुआ कोई भी सामान खाने के लायक नहीं था.

मसालों को बनाने में होता था इन चीजों का इस्‍तेमाल
डीसीपी राकेश पावरिया के अनुसार, क्राइम ब्रांच की टीम ने मौके से मसालों को बनाने में इस्‍तेमाल होने वाला करीब 7,215 किलो कच्‍चा माल बरामद किया है. इसमें…

  • सड़ा हुआ चावल – 1050 किलो
  • सड़ा हुआ मोती बाजरा – 200 किलो
  • सड़े हुए नारियल – 6 किलो
  • धनिया के बीज – 200 किलो
  • निम्न गुणवत्ता वाली कच्‍ची हल्दी – 550 किलो
  • नीलगिरी के पत्ते – 70 किलो
  • सड़े हुए जामुन – 1450 किलो
  • लकड़ी का बुरादा – 400 किलो
  • साइट्रिक एसिड -24 किलो
  • चोकर – 2150 किलो
  • सूखी लाल मिर्च – 440 किलो
  • सूखी लाल मिर्च के डंठल – 150 किलो
  • केमिलक कलर्स – 5 किलो
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