सुक्खू सरकार ने लाखों लोगों को दी राहत, प्रदेश में अब घर बैठे बनेगा लर्निंग लाइसेंस

प्रदेश भर में अब लर्निंग लाइसेंस घर बैठे बनाए जा सकेंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान करने का फैसला किया है। सरकार ने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों और क्षेत्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकारियों के कार्यालयों को सुविधा संपन्न बनाने की पहल की है। इसके अंतर्गत लोगों को अपने घरों से ही आसानी से बिना किसी परेशानी के अपना लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि व्यक्ति अब आधार-आधारित प्रमाणीकरण का लाभ उठाते हुए पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किसी भी स्थान से अपना लर्नर लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रणाली से आधार-आधारित लर्निंग लाइसेंस आवेदन प्रक्रिया सुव्यवस्थित हुई है और भौतिक सत्यापन, जांच और अनुमोदन की आवश्यकता नहीं रहेगी।

आवेदक अब अपने लर्निंग लाइसेंस आवेदन, आवश्यक दस्तावेज और हस्ताक्षर ऑनलाईन अपलोड कर सकते हैं और आवश्यक शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन कर सकते हैं। इससे न केवल बहुमूल्य समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि आरएलए और आरटीओ कार्यालयों पर अनावश्यक बोझ भी कम होगा। आरएलए धर्मशाला में पायलट आधार पर सफल कार्यान्वयन के बाद, यह प्रणाली अब प्रदेश के सभी जिलों में काम कर रही है। हालांकि ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के लिए आवेदकों को अभी भी स्लॉट बुकिंग के अनुसार अप्वाइंटमेंट शेडयूल करने के लिए आरएलए में स्वयं जाना आवश्यक है। लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन फेसलेस सेवा सप्ताह भर चौबीस घंटे आवेदकों के लिए सुविधाजनक सिद्ध हो रही है।

लोगों की सुविधा के लिए टेक्रोलॉजी का हो रहा इस्तेमाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि लर्नर लाईसेंस के आवेदकों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए, लर्निंग ड्राइविंग टेस्ट शुरू होने से पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेस ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए राज्य सरकार अधिक से अधिक सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित कर रही है। प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार की इस पहल को क्रियान्वित करने में डिजिटल प्रौद्योगिकी विभाग ने प्रमुखता से कार्य किया है।

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