सदन में प्रश्नकाल के दौरान सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच हुई तीखी नोंकझोंक, सीएम ने दिया जवाब

आजादी के 75 साल पूरा होने के अवसर पर प्रदेश भर में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। केंद्र सरकार के आदेशानुसार इन कार्यक्रमों का आयोजन प्रदेश के हर जिला व ब्लॉक स्तर पर करवाया गया। इस पर तत्कालीन सरकार ने 6 करोड़ 93 लाख 238 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधायक संजय रत्न के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने सदन में दिया जवाब

सदन में जब मुख्यमंत्री जब सवाल का जवाब दे रहे थे तो कई बार सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कार्यक्रमों का आयोजन तो किया गया लेकिन स्वतंत्रता सैनानी व उनके परिवार से संबंध रखने वाले लोगों को बुलाया ही नहीं गया। जबकि केंद्र सरकार ने जब इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया था तो स्वतंत्रता सैनानियों को सम्मानित किया था।

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश की पूर्व सरकार भी ऐसा करती तो जिन्होंने देश को आजाद करने के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए उनके परिवारों को सम्मान मिलता। लेकिन भाजपा ने इसे बोझ समझा। यदि सोच विचार करके बुलाते तो कार्यक्रम की गरिमा को चार चांद लगते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस योजना को जरूरत के आधार पर मनाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसके आयोजन में स्वतंत्रता सैनानियों के परिवारों को बुलाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक संजय रत्न स्वतंत्रता सैनानी के परिवार से संबंध रखते हैं, लेकिन उन्हें भी इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दाड़ी में फ्रीडम फाइटर मैमोरियल का निर्माण किया जाएगा। दस वर्ष पूर्व इसका शिलान्यास किया गया था।

अमृत महोत्सव देश की आजादी का था या भाजपा का- संजय रत्न

ज्वालामुखी से विधायक संजय रत्न ने तत्कालीन सरकार ने कार्यक्रम 6 करोड़ 93 लाख खर्च किया लेकिन जिन लोगों ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी और उनके वारिसों को बुलाया ही नहीं। मुझे भी नहीं बुलाया गया। उन्होंने पूछा कि क्या यह अमृत महोत्सव देश की आजादी का था, हिमाचल की आजादी का था या भाजपा का था। इन कार्यक्रमों में भाजपा ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया।

लोकतंत्र प्रहरी बिल को को निरस्त किया

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि अमृत महोत्सव केंद्र सरकार ने आजादी के 75 साल पूरे होने पर मनाया गया था। उन्होंने कहा कि केंद्रिय योजनाओं व कार्यक्रमों से क्या प्रदेश अपने आप को दूर रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि विधायक ने जो बात कही उस वक्त त्रूटी रह गई होगी उसे भविष्य में सुधार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार लोकतंत्र प्रहरी योजना लेकर आई थी सत्ता में आते ही उस बिल को निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि जिस दिन इस बिल को निरस्त किया गया वह लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन था।

परेशान हो गए हैं विपक्ष के नेता- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि विपक्ष के नेता परेशान हो गए हैं। मैने यह नहीं कहा कि हम नहीं मनाएंगे। लगता है आप को नींद नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैने ये कहा कि देश की आजादी के लिए जिन्होंने कुर्बानी दी उनके परिवारों को बुलाते तो कार्यक्रम की गरिमा बढती। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की नींव पंडित जवाहर लाल नेहरू व डा. बीआर अंबेदकर ने रखी है।

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