हिमाचल विधानसभा में श्वेत-पत्र पेश: डिप्टी CM बोले- पूर्व सरकार ने बिगाड़ी आर्थिक सेहत, जनमंच में 6 करोड़ के फुल्के खाए

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। सदन के पटल पर वीरवार को श्वेत पत्र पर वक्तव्य देते हुए डिप्टी CM मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने चुनाव जीतने के लिए धन का जमकर दुरुपयोग किया। नतीजा यह हुआ कि हिमाचल पर वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक 92,774 करोड़ का कर्ज व देनदारी चढ़ चुकी थी।

मुकेश अग्निहोत्री जब सदन में जब रिपोर्ट पर बोल रहे थे तो उस दौरान विपक्ष के विधायकों ने वेल में आकर जोरदार नारेबाजी की। स्पीकर के बार-बार कहने पर भी विपक्ष नहीं माना। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए स्पीकर को सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी, जिससे मुकेश अग्निहोत्री सदन में पूरी रिपोर्ट नहीं रख पाए। अब भोजन अवकाश के बाद डिप्टी CM सदन में पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

चुनाव जीतने को जयराम सरकार ने रचा चक्रव्यूह

इससे पहले मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए पूर्व सरकार ने चक्रव्यूह रचा और अमृत महोत्सव, प्रगतिशील हिमाचल, जनमंच तथा स्थापना दिवस कार्यक्रम पर 16261 करोड़ की फिजूलखर्ची की।

चुनाव जीतने को 16261 करोड़ की फिजूलखर्ची: मुकेश

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व BJP सरकार ने चुनाव जीतने लिए 16,261 करोड़ रुपए आखिरी के कुछ महीनों में खर्च किए। साल 2017 में जब भाजपा सत्ता में आई, तो उस दौरान हिमाचल के प्रत्येक व्यक्ति पर 66 हजार रुपए का कर्ज था, जो अब बढ़कर 1 लाख 02,818 रुपए हो गया।

2017 में स्टेट पर 47,906 करोड़ का कर्ज,2022-23 में 76,630 करोड़ हुआ

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 2017 में राज्य पर 47,906 करोड़ रुपए का कर्ज था। जब BJP सरकार की सत्ता से विदाई हुई, तो कर्ज बढ़कर 76630 करोड़ रुपए हो गया। उन्होंने कहा कि सारा आर्थिक संतुलन चुनाव के वक्त बिगड़ा। जयराम सरकार ने चुनाव जीतने के लिए 16261 करोड़ रुपए की उधारी जुटाई।

देनदारियां मिलाकार राज्य पर 92774 करोड़ कर्ज छोड़ गई BJP सरकार

चुनाव जीतने के लए पूर्व सरकार ने कर्मचारियों के लिए 10,600 करोड़ रुपए के संशोधित वेतन व महंगाई भत्ते का ऐलान तो कर दिया, लेकिन इसके एरियर का भुगतान नहीं किया। 10 हजार करोड़ वेतन और 600 करोड़ DA का पेंडिंग है। पूर्व सरकार ने 1 जनवरी 2022 में 3 फीसदी और एक जुलाई 2022 को 4 फीसदी DA की घोषणा की जो दिया नहीं गया।

कर्ज अदायगी को चाहिए 9048 करोड़

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल की स्थिति अब ये हो गई कि पुराना कर्ज चुकाने के लिए नया कर्ज लेना पड़ रहा है। राज्य को इस वक्त कर्ज अदायगी के लिए 9048 करोड़ रुपए चाहिए। कर्ज चुकाने को 3486 रुपए और ब्याज के भुगतान के लिए 5262 करोड़ रुपए की जरूरत है। कुल मिलाकर कर्ज का 9048 करोड़ कर्ज व ब्याज में देना है। सार्वजनिक क्षेत्र के 23 में से 13 उपक्रम 5000 करोड़ के घाटे में चल रहे है।

15वें वित्त आयोग के पास अपना पक्ष नहीं रख पाई पूर्व सरकार

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 14वें वित्त आयोग में जब उनकी सरकार थी, तो उस दौरान 232 फीसदी की वृद्धि हुई थी। राज्य में जब BJP सरकार थी, तो 15वें वित्त आयोग में सिर्फ 8 फीसदी बढ़ोतरी हो पाई थी। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग के पास हिमाचल की पूर्व सरकार सही से पैरवी नहीं कर पाई।

उन्होंने कहा कि वित्त आयोग ने मंडी हवाई अड्डे के लिए 1000 करोड़, कांगड़ा हवाई अड्डे के लिए 400 करोड़ और ज्वालामाता मंदिर के लिए 20 करोड़ देने का वादा किया था। मगर, यह पैसा नहीं दिया गया। कुल मिलाकर 1420 करोड़ रुपए पूर्व सरकार का वित्त आयोग से नहीं आया। डबल इंजन कहा क्रैश हो गया।

उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर मीट में 26 करोड़ रुपए का तंबू लगाया गया और 6 करोड़ के फुलके खा गए। बसों का किराया नहीं दिया।

हमने OPS दी, इन्होंने बंदिशें लगाई: मुकेश

हिमाचल ने OPS दिया तो इन्होंने फॉरेंन फंडिंग पर कैप लगा दी। कर्ज लेने की सीमा घटा दी और GST प्रतिपूर्ति राशि बंद कर दी। 3309 करोड़ रुपए BBMB का नहीं लिया गया। 70 नैशनल हाईवे बनाने की बात झूठी निकली। बद्दी रेल लाइन नहीं बन पाई।

राजनीतिक मकसद से लाया श्वेत पत्र

जयराम ठाकुर ने कहा कि यह श्वेत पत्र राजनीतिक मकसद के लाया गया। उन्होंने प्राइवेट मेंबर-डे पर इस पर चर्चा को गलत और सदस्यों के अधिकारों का हनन बताया।

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