अनुकंपा पर यूं ही नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, पास करना पड़ेगा यह परीक्षा; सुप्रमी कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में सुनाया है कि अनुकंपा के आधार पर मिली नौकरी में शैक्षणिक और पेशेवर योग्यताओं को पूरा करना जरूरी है। ऐसा नहीं कि योग्यताएं पूरी करने में विफल रहने पर उसे निचले ग्रेड में रख दी जाए। कोर्ट ने आदेश में कहा कि अनुकंपा के आधार पर मिली नौकरी अधिकार नहीं है। इसके लिए योग्यताओं को पूरा करना आवश्यक है।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए अनुंकपा के आधार पर मिली नौकरी गंवाने वाले को राहत देने से इनकार कर दी। रेहन को सांख्यिकी विभाग में चालक पिता की मृत्यु के बाद कनिष्ठ सहायक की नौकरी मिली थी। उसे कहा गया था कि वह बेसिक कंप्यूटर एवं टाइपिंग की विभागीय परीक्षा दे एवं न्यूतनम अंक अर्जित करे। पर वह कंप्यूटर और टाइपिंग परीक्षा में वह फेल हो गया।

इसके बाद उसे एक और भी मौका दिया गया और इस मौके पर भी वह टाइपिंग का टेस्ट में पास नहीं कर पाया। इस पर सांख्यिकी अधिकारी ने उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। इस आदेश को उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी एवं कहा कि यदि वह कनिष्ठ सहायक पद के योग्य नहीं है तो उसे चतुर्थ श्रेणी में ही नौकरी दी जाए।

जिस पर यूपी सरकार ने इसके खिलाफ खंडपीठ में अपील की पर वह खारिज हो गई। इसके बाद राज्य सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। एवं कहा कि हाईकोर्ट का आदेश उचित नहीं है।

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