हिमाचल में आत्महत्या के मामलों में आई कमी, 3 साल में घटे मामले

कोविड के दौरान पूरी दुनिया में लाखों की संख्या में आत्महत्याएं हुई, कई लोगों ने इस दौरान आर्थिक तंगी के कारण तो कई लोगों ने मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या की और हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा और हिमाचल में कोविड के चरम के दौरान 1744 आत्महत्याएं हुई . विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर वर्ष दुनिया में लगभग 7 लाख लोग आत्महत्या करते है. दुनिया में 15 से 29 वर्ष के आयुवर्ग में आत्महत्या मौत का चौथा सबसे बड़ा कारण है.

हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2021 से 2023 तक आत्महत्या के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है. आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले यानी आईपीसी की धारा 306 के तहत 2021 में 67 मामले, 2022 में 74 मामले और 2023 में 54 मामले सामने आए है. इसके अलावा आत्महत्या से संबंधित यानी सीआरपीसी की धारा 174 के अंतर्गत कार्यवाही से संबंधित 2021 में 850, 2022 में 692 और 2023 में 669 मामले सामने आए है. इन मामलों में 2021 से 2023 के दौरान निरंतर गिरावट दर्ज की गई है.

आत्महत्या के कारणों को समझना बेहद जरूरी
हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा इस निरंतर गिरावट का श्रेय पुलिस द्वारा लागू की गई सक्रिय और निवारक रणनीतियों को दिया गया है. पुलिस का कहना है कि आत्महत्या-प्रवण क्षेत्रों का मानचित्रण, परामर्श सेवाएँ प्रदान करना और लक्षित पुलिस हस्तक्षेप जैसी पहलों ने इस सकारात्मक प्रवृत्ति में योगदान मिला है. आत्महत्या की संख्याओं में कमी आना बेहद सुखद है, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के मुद्दों से जुड़ी पेचीदगी और संवेदनशीलता को स्वीकार करना बहुत आवश्यक है.

पुलिस द्वारा लोगों को भी किया जा रहा प्रोत्साहित
पुलिस विभाग का कहना है कि हम इन संख्याओं को और कम करने के लिए अपनी निवारक और प्रतिक्रियाशील रणनीतियों के प्रति समर्पित हैं. पुलिस द्वारा लोगों को संकट के समय मदद और सहायता के लिए पहुंचने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग समुदाय को सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी लगन से कार्य कर रहा है. पुलिस विभाग का कहना है कि आत्महत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने की घटनाओं को कम करने के प्रयास लोक कल्याण और सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.

Spread the News
Verified by MonsterInsights