सरकारी स्कूलों से सीखें निजी स्कूल भारतीय संस्कृति का सम्मान करना: संजय सिंह चौहान


उच्च रैंकों पर पहुँचने वाले अधिकारियों में अधिकांश सरकारी स्कूलों से



“दुःख की बात है कि भवारना के एक निजी विद्यालय में न केवल वहां के संस्थापक बल्कि अध्यापकों के साथ और कुछ पुलिस कर्मियों साथ शराब पार्टी मनाते हुए की चलचित्र वायरल हुए। क्या यही सिखाया जा रहा है इस प्रकार के निजी संस्थानों में भारी फीस ले कर?” ये शब्द संजय सिंह चौहान (चेयरमैन हिमाचल प्रदेश सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धीरा में कहे। उन्होंने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए खेद जताया कि हमारे भाजपा विधायक की देखरेख में यह सब कृत्य हुआ! उन्होंने प्रश्न उठाया है कि इस प्रकार की गतिविधियाँ यदि स्कूलों में होती हैं तो विद्यार्थियों के ऊपर किस प्रकार का असर पड़ेगा। यह चिंता का विषय है!


प्रधानाचार्य सुशील धीमान द्वारा माननीय अध्यक्ष से अनुमति लेते हुए वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा साँस्कृतिक कार्यक्रम को हरी झंडी दिखा कर शुभारंभ करवाया। अपनी रिपोर्ट में प्रधानाचार्य ने इस पाठशाला की उपलब्धियों व समस्याओं के बारे में विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।


संजय सिंह चौहान ने कहा कि इस विद्यालय में आ कर मैं गौरवांवित महसूस कर रहा हूँ क्योंकि यह पाठशाला 1906 में संस्थापित हुई थी और उस समय की बनी इमारत एक एतिहासिक अनुभव से मेरा नाता और जुडाव इस लिए भी है। मुझे खुशी है कि इस विद्यालय से अंडर 14 तथा अंडर 19 की छात्राओं ने ज़िला और प्रदेश स्तरीय खेलकूद
प्रतियोगिताओं में अपना झंडा बुलंद किया और सुलह विधानसभा का नाम रौशन किया।


संजय सिंह चौहान ने आगे कहा कि माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत संवेदनशील हैं और प्रतिदिन नई सुविधाएं सरकारी स्कूलों को पहुंचाई जा रही हैं चाहे वो पाठशालाओं का आधुनिकीकरण हो या इन्टरनेट के माध्यम से सीधे तौर पर विश्व के साथ जोड़ना हो। उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश सरकार ने अपने वार्षिक बजट में बढौतरी की है और लगभग बीस हज़ार से अधिक मेधावी बच्चों को लैपटॉप वितरित किए।


इस अवसर पर संजय सिंह चौहान ने कहा नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों को वोकेशनल स्टडीज सीखने पर ध्यान दिया जाएगा, जिसमें बागबानी, लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन, बिजली का काम आदि कई स्वरोजगार कार्य शामिल हैं। छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को दस दिन की व्यावसायिक शिक्षा या तो स्कूल परिसर में दी जाएगी या स्थानीय कारीगरों के पास भेजा जाएगा। 


2025 के अंत तक नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कम से कम पच्चास प्रतिशत छात्रों को वोकेशनल स्टडीज पढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेशभर के 54 नए स्कूलों में व्यावसायिक कोर्स की कक्षाएं शुरू होंगी। इन सभी स्कूलों में नौवीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को व्यावसायिक विषय पढ़ाए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश के 1100 स्कूलों में 15 विभिन्न ट्रेडों में व्यावसायिक कोर्स संचालित हैं। इन स्कूलों में 91277 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
अंत में संजय सिंह चौहान ने कहा बच्चों में जीवन जीने का कौशल, आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास विकसित करने तथा तनाव, भय एवं संकोच जैसे मनोविकारों को दूर कर सोच में लचीलापन विकसित करने के उद्देश्य से प्रत्येक राजकीय विद्यालय में यूथ क्लब की स्थापना की जायेगी। स्वच्छता व स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की समझ विकसित की जानी है। उन्होंने विशेष रूप से नशे से बचने के लिए आग्रह किया! उन्होंने कहा कि इसी मंच से मेरा आग्रह है अभिभावकों पंचायत प्रतिनिधियों प्रशासन से कि नशाखोरी में लिप्त व्यापरियों को उजागर करें तथा उनके खिलाफ़ कार्यवाई करवायें।

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