एमएमयू समेत 3 निजी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों की जांच को लेकर शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश

महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय (एमएमयू) समेत तीन निजी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों के कामकाज पर सरकार ने जांच बैठा दी है। निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस में एकरूपता लाने को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा सचिव राकेश कंवर की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की है। स्टेट कोटे की सीटें कम करने और मैनेजमेंट कोटे में अधिक फीस लेने के आरोपों की जांच करवाई जा रही है।

विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एमएमयू और कॉलेज की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे। इसी कड़ी में शिक्षा मंत्री ने जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों के फीस ढांचे को शिक्षा विभाग मंजूरी देता है। सोलन जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज में कई अनियमितताएं हो रही हैं। स्टेट कोटे की 50 फीसदी सीटों में गिरावट आई है। फीस में भी काफी अंतर है।

पांच वर्ष के मेडिकल कोर्स की फीस करीब 50.82 लाख रुपये है। मैनेजमेंट कोटे में दोगुनी करीब 95.83 लाख रुपये फीस बनती है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि ट्यूशन फीस, बिल्डिंग फंड और हाॅस्टल फीस की भी जांच की जाएगी। स्टेट कोटे की सीटों में कमी क्यों हुई है, इसका भी पता लगाया जाएगा। अब दोबारा से क्या इन सीटों को बढ़ाने के लिए संशोधन किया जा सकता है या नहीं, इसका पता भी जांच कमेटी लगाएगी।

विद्यार्थियों से वसूल की गई अधिक फीस वापस करने के प्रावधान भी तलाशे जाएंगे। विश्वविद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों का होगा जियोलॉजिकल सर्वेशिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में स्थित सभी विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों का जियोलॉजिकल सर्वे भी करवाया जाएगा। इसके लिए साइट विजिट किया जाएगा।

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