चुनाव : प्रदेश में आठ हजार मतदान केंद्रों में डलेंगे वोट

2019 से 2023 के बीच 267 पोलिंग बूथ की बढ़ोतरी; सोलन में सबसे ज्यादा बढ़े, कांगड़ा और कुल्लू दूसरे नंबर पर

लोकसभा चुनाव में हिमाचल के मतदाता करीब आठ हजार मतदान केंद्रों में वोट डालेंगे। राज्य निर्वाचन विभाग ने 2023 में आखिरी बार मतदान केंद्रों को अपडेट किया है और उस समय प्रदेश में 7990 मतदान केंद्र थे। निर्वाचन विभाग ने इस दौरान 7990 मतदान केंद्र दर्ज किए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इनमें 267 मतदान केंद्रों की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर मतदान केंद्रों की सूची सार्वजनिक होगी। इस सूची में कुछ मतदान केंद्र और शामिल किए जा सकते हैं। फिलहाल, लोकसभा चुनाव में अब तक 56 लाख 16 हजार मतदाताओं का पंजीकरण हो चुका है और निर्वाचन विभाग 14 मई तक मतदाताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया को जारी रखेगा।

फिलहाल, 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक चार साल बाद मतदान केंद्रों में आए उछाल पर नजर डालें, तो सबसे ज्यादा मतदान केंद्र सोलन जिला में बनाए गए हैं। यहां 2019 में 557 मतदान केंद्र थे और 2023 में यह आंकड़ा बढक़र 592 हो गया है। 35 मतदान केंद्रों की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि 2024 में लोकसभा चुनाव में इस आंकड़े में आंशिक बदलाव की संभावन अभी भी बनी हुई है। इसके अलावा कांगड़ा और कुल्लू दोनों जिलों में 31-31 नए मतदान केंद्र बने हैं। कांगड़ा में 2019 में 1611 मतदान केंद्र थे, जो अब बढक़र 1642 हो चुके हैं। कुल्लू में 544 मतदान केंद्रों से बढक़र यह संख्या 575 हो गई है। मतदान केंद्रों की तादाद बढऩे के मामले में सिरमौर तीसरे नंबर पर है। यहां 29 मतदान केंद्रों की बढ़ोतरी हुई है।

नामांकन कल से

हिमाचल में लोकसभा चुनाव का क्रम मंगलवार से शुरू हो जाएगा। लोकसभा और विधानसभा की सभी छह सीटों के लिए उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर पाएंगे। निर्वाचन विभाग चुनाव प्रक्रिया को लेकर अधिसूचना जारी करेगा। इस अधिसूचना में चुनाव का शेड्यूल शामिल रहेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में चार लोकसभा सीटों के अलावा छह विधानसभा में उपचुनाव होने हैं। प्रदेश में आखिरी चरण में पहली जून को मतदान होना है।

56.16 लाख मतदाता पंजीकृत

लोकसभा चुनाव में इस बार हिमाचल में 56 लाख 16 हजार मतदाता पंजीकृत हो चुके हैं। राज्य निर्वाचन विभाग ने 14 मई तक पंजीकरण अभियान को जारी रखने की बात कही है। निर्वाचन विभाग ने 80 फीसदी मतदान का लक्ष्य रखा है। 2019 में 72 फीसदी मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव में मतदान किया था।

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