हिमाचल: कक्षा तीसरी से पांचवी तक के विद्यार्थी अब नहीं पढ़ेंगे संस्कृत,स्कूल शिक्षा बोर्ड ने जारी की अधिसूचना

राज्य के प्राथमिक स्कूलों में सरकार की ओर से शुरू किए संस्कृत विषय के फैसले को वापस ले लिया गया है। इसको लेकर हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। इस फैसले को प्राथमिक स्कूलों के अध्यापकों के लिए राहत भरा माना जा रहा है, क्योंकि कई स्कूलों में मात्र एक अध्यापक तैनात है। संस्कृत विषय लागू होने के बाद उन पर बच्चों की पढ़ाई का बोझ बढ़ गया था। चिंताजनक यह भी था कि अध्यापकों को संस्कृत विषय की अधिक जानकारी भी नहीं है।

जानकारी के अनुसार हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से संस्कृत विषय की किताबें भी छपकर स्कूलों में आ गई हैं। इस बीच अब विषय हटाने का निर्णय लिया गया है। जिले में प्राथमिक स्कूल पहले ही अध्यापकों की कमी से जूझ रहे हैं। ऊपर से नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी सहित कुल आठ कक्षाएं और एक संस्कृत का अन्य विषय भी लाद दिया गया। इससे अध्यापकों और बच्चों को भारी परेशानियों का वर्षभर सामना करना पड़ा।

वर्ष 2023 में अध्यापकों और बच्चों की दिक्कतों के संबंध में प्रशासन से मुद्दा उठाया गया था। इसका शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने समाधान करने का आश्वासन दिया था, जिसका असर अब देखने को मिला है। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान राकेश शर्मा, महासचिव सतेंद्र मिन्हास, सभी खंडों के प्रधान और अन्य प्राथमिक शिक्षकों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव विशाल शर्मा का कहना है कि कक्षा तीसरी से पांचवीं तक बीते शैक्षणिक सत्र में संस्कृत का विषय शुरू किया गया था, लेकिन बच्चों और अध्यापकों को मुश्किलों की वजह से इसको बंद करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है।

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