Balh Mandi Airport: विदेशों में बसे हिमाचली बोले- सरकार बल्ह में बनाए हवाई अड्डा, नहीं आने देंगे धन की कमी

Balh Mandi Airport: प्रदेश और केंद्र सरकार के पास अगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण में धन की कमी आ रही है तो हम आर्थिक मदद देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह बात विदेशों में बसे हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के बल्हवासी जो 1970 के दशक से यहां पर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का सपना देख रहे हैं ने कही। उन्होंने कहा कि बल्ह क्षेत्र के कुछ लोग इस एयरपोर्ट का विरोध कर रहे हैं, जिनसे वे बहुत नाराज हैं।

इन लोगों ने कहा कि विरोध कर रहे लोग सरकार को बल्ह की उपजाऊ जमीन और उल्टे-सीधे तर्क देकर इस प्रोजेक्ट को यहां से बाहर बनाने की बातें करके विकास को रोकना चाहते हैं। बैंकॉक, इंग्लैंड, कनाडा आदि देशों में बसे बल्ह के लोगों ने बताया कि भारत में चेन्नई में बना हवाई अड्डा जिसमें विदेशों में बसे भारतीयों ने आर्थिक मदद की है और इसे तैयार किया है उसी की तर्ज पर इस अड्डे का भी निमार्ण किया जाना चाहिए। इन लोगों का कहना है कि जब मंडी से ताल्लुक रखने वाले जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने तो उन्हें पूरी उम्मीद जगी कि यह उनका दशकों पुराना सपना परवान चढ़ेगा।

इतना ही नहीं जब उन्होंने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट कहा तो हिमाचल में ही नहीं हिमाचल के बाहर बैठे हिमाचल वासियों में नई उम्मीद की किरण जागी कि अब एयरपोर्ट बन ही जाएगा। मगर अब राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बढ़ा और प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू हैं, लेकिन उन्हें तब भी एक उम्मीद है कि बल्ह अपने विकास की गाथा लिखेगा और यहां यह हवाई अड्डा बनकर ही रहेगा। उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि सरकार के आदेशों के मुताबिक ही अड्डे का निर्माण किया जाएगा।

इसलिए जरूरी है अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

विदेशों में बसे लोगों का कहना है कि मंडी में हवाई अड्डा बहुत अधिक जरूरी है। क्योंकि जिला सहित पूरे हिमाचल से बहुत से लोग विदेशों में बसे हैं, उन्हें आने जाने में सुविधा मिलेगी। उधर, यहां पर आईआईटी कमांद, नेरचौक मेडिकल कॉलेज, अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के साथ ही कई शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थान हैं। हवाई व्यवस्था नहीं होने के चलते बड़े-बड़े प्रोफेसर आईआईआईटी सेक्टर के अधिकारी यहां आने से परहेज करते हैं।

लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज हिमाचल के मध्य में स्थित होने से यहां पर रोजाना 2000 से अधिक ओपीडी है। हवाई व्यवस्था होने से इसे भी इसका लाभ मिलेगा। करसोग, जंजैहली, मनाली, लाहौल स्पीति को पर्यटन की दृष्टि से उभारने के लिए भी इस अड्डे से नए आयाम स्थापित होंगे। उधर, पाकिस्तान और चाइना जैसे देशों के साथ सुरक्षा के मामलों में भी यह हवाई अड्डा भूमिका अदा करेगा।

क्या कहते हैं विदेश में बसे हिमाचली

बैंकॉक में बसे जितेंद्र सिंह मल्होत्रा जिनका रेडिमेड का काम कई देशों में है और अमृतपाल सिंह जो बैंकॉक में स्थाई रूप से बस गए हैं, जिनका वहां अपना कंस्ट्रक्शन और होटल की चेन है। वहीं, डॉक्टर नरेंद्र पाल सिंह भी बैंकॉक में एक नामी गिरामी डॉक्टर हैं।

इनके अलावा हर्षवर्धन नरूला जो इंग्लैंड में सीनियर कंसल्टेंट आईटी में कार्यरत हैं, तान्या जो इंग्लैंड में फैशन डिजाइनर हैं तथा अमृता जो कनाडा में रियल एस्टेट में बिजनेस कर रही हैं आदि का कहना है कि नेरचौक में एयरपोर्ट बनने से हिमाचल में एक विशेष विकास को महत्व मिलेगा और अगर सरकार चाहे तो यह लोग एयरपोर्ट में किसी भी तरह से अपनी मदद करने के लिए हर दम, हर पल तैयार रहेंगे।

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