‘परजीवी हैं’ कहकर मां ने बेटों को कोर्ट में घसीटा, फिर केस जीतते ही घर से किया बेदखल

ऐसा कहा जाता है कि बच्चे ही बुढ़ापे का सहारा होते हैं. जब मां-बाप बूढ़े हो जाते हैं और कोई भी काम खुद से कर पाने में असमर्थ हो जाते हैं तो बच्चे ही उनकी मदद करते हैं, सेवा करते हैं. आप श्रवण कुमार की कहानी तो जानते ही होंगे, जिन्होंने अपने अंधे माता-पिता की इतनी श्रद्धापूर्वक सेवा की थी कि उन्हें लोग आज भी याद करते हैं. हालांकि इस कलयुग में भी कई श्रवण कुमार जैसे बेटे हैं, जो अपने माता-पिता की दिन-रात सेवा कर रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जिनकी वजह से मां-बाप ही त्रस्त हो गए हैं. ऐसा ही एक मामला इटली में भी देखने को मिला है, जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.

दरअसल, एक मां ने अपने दो बेटों को घर से बेदखल कर दिया है, क्योंकि वो उनसे और उनकी हरकतों से तंग आ गई थी. महिला की उम्र 75 साल है, जबकि उसके दोनों बेटों की उम्र क्रमश: 40 साल और 42 साल है. महिला इटली के पाविया शहर की रहने वाली है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने दोनों बेटों से तंग आकर उन्हें कोर्ट में घसीट दिया और उन्हें ‘खून चूसने वाले परजीवी’ तक बता दिया.

बेटों ने घर खर्च देने से किया इनकार

मामला कुछ यूं है कि महिला ने अपने दोनों बेटों से कहा था कि वो घर के खर्चों में उसकी मदद करें, लेकिन दोनों ने उसकी बातों को नजरअंदाज कर दिया. कोई भी मां की मदद करने के लिए तैयार नहीं हुआ. ऐसे में महिला ने उनसे कह दिया कि वो उसके घर से निकल जाएं और अपना ठिकाना कहीं और देख लें, लेकिन इसके बावजूद दोनों घर पर ही पड़े रहे, वो जाने को तैयार ही नहीं हुए. महिला ने बताया कि इसको लेकर अक्सर घर में हंगामा होता था.

कोर्ट ने महिला के पक्ष में सुनाया फैसला

इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा, जहां महिला ने अपना पूरा पक्ष रखा. फिर कोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि उनके दोनों बेटों को घर छोड़ना ही होगा. कोर्ट ने इसके लिए उन्हें 18 दिसंबर तक का समय दिया है. जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि महिला ने अपने पैसों से घर खरीदा है, इसलिए वहां कौन रहेगा, ये फैसला करने का हक भी उसी का है. उसपर किसी भी चीज को लेकर बेटे दबाव नहीं बना सकते, क्योंकि वो उनसे एक पैसा भी नहीं लेती हैं, घर का सारा खर्च खुद उठाती है.

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