HP High Court: शिक्षा प्रयोगशाला कर्मचारियों को मिलेगा पे बैंड और ग्रेड पे का लाभ

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय शिमला ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को शिक्षा प्रयोगशाला कर्मचारी को पे बैंड और ग्रेड पे का लाभ देने का आदेश जारी किया है। बीते दिन न्यायाधीश सत्येन वैद्य की अदालत ने हमीरपुर निवासी सतीश गौतम की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके पक्ष में यह फैसला सुनाया है। शिक्षा प्रयोगशाला कर्मचारी संघ हाईकोर्ट के फैसले से गदगद है। प्रदेश में इन कर्मचारियों की संख्या करीब 6500 है, जिनमें से 4800 स्कूलों और बाकी कॉलेजों में तैनात हैं।

संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश गौतम ने कहा कि अक्तूबर 2012 में सभी श्रेणियों के कर्मचारियों को पे बैंड और ग्रेड पे का लाभ दिया गया, लेकिन शिक्षा विभाग के हजारों प्रयोगशाला कर्मचारियों को इससे वंचित रखा गया था। इससे इस वर्ग में रोष था।  2014 में याचिका दायर की गई थी। प्रदेश उच्च न्यायालय ने अब प्रयोगशाला कर्मचारियों के हक में फैसला सुनाया है। न्यायालय ने शिक्षा विभाग को 8 सप्ताह में फैसला लागू करने को कहा है।

लोकायुक्त की ओर से नियुक्त किए गए सेवादारों को निकालने का फैसला निरस्त

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लोकायुक्त की ओर से नियुक्त सेवादारों को निकालने के निर्णय को निरस्त कर दिया है। न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने अपने निर्णय में कहा कि लोकायुक्त भी हाईकोर्ट के जज की तर्ज पर अपनी पसंद के सेवादार की नियुक्ति करने में सक्षम हैं। अदालत ने याचिकाकर्ता रमेश चंद और ललित शर्मा की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया। अदालत ने स्पष्ट किया कि लोकायुक्त के पास भी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जैसी शक्तियां निहित हैं।

अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति 27 अक्तूबर 2014 को लोकायुक्त ने सेवादार के पद पर की थी। लेकिन लोकायुक्त की सेवा अवधि पूरी होने के बाद लोकायुक्त कार्यालय ने 12 जुलाई 2017 को उनकी नियुक्तियां रद्द कर दी थीं। अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को लोकायुक्त के सचिव ने रद्द किया है। याचिकाकर्ताओं को नौकरी से बर्खास्त करने से पहले उन्हें सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह दोबारा से अदालत के निर्णय के तहत फैसला लें।

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