कांगड़ा एयरपोर्ट पर रिपोर्ट फाइनल, प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलते ही शुरू होगी भू-अधिग्रहण प्रक्रिया

जिला कांगड़ा के सबसे बड़ी और महत्त्वाकांक्षी परियोजना एयरपोर्ट विस्तारीकरण की प्रक्रिया अब जल्द ही कागजों से निकल कर धरातल पर दिखने शुरू हो जाएगी। जनसुनवाई के बाद जिला प्रशासन की ओर से फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर उसे अगले दो-तीन दिनों में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर आगामी एक सप्ताह के भीतर यह ड्राफ्ट प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सरकार भी लगातार इस बड़ी एवं महत्त्वाकांक्षी परियोजना का फोलोअप कर रही है, जिससे अगले दो से तीन सप्ताह के भीतर प्रभावित क्षेत्र में आने वाले लोगों को फाइनल नोटिस भी मिलने शुरू हो जाएंगे।

उधर, उपायुक्त कांगड़ा हेम राम वैरवा का कहना है कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण से विस्थापित होने वाले परिवारों के लिए मुख्यमंत्री स्वयं चिंता करते हुए उनके बसाने से लेकर तमाम सारी व्यवस्थाओं को जांच रहे हैं। पूर्व की परियोजनाओं की तरह लोगों को विस्थापन का दंश न झेलना पड़े और उनके पुनर्वास की योजना की जाए, इस दृष्टि से भी काम चल रहा है। प्रभावितों को कहां बसाना है, उसके लिए आर एंड आर के तहत काम किया जा रहा है। एक सप्ताह के भीतर फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को भेज दिया जाएगा। सरकार से स्वीकृति मिलते ही आगामी काम शुरू होगा।

विस्तारीकरण की जद में ये गांव

कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के दौरान कांगड़ा और शाहपुर दो उपमंडल के गांव प्रभावित हो रहे हैं। इनमें बाग, बरस्वालकड़, बल्ला, भेड़ी, ढुगियारी खास, गगल खास, झिकली इच्छी, मुगरेहड़, सहौड़ा, सनौरा, रछियालु, जुगेहड़, भड़ोत और कियोड़ी गांव का एरिया जद में आएगा।

147 हेक्टेयर भूमि की गई चिन्हित

एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 14 गांवों से लगभग 1200 परिवारों की जमीन अधिग्रहण की जानी है। प्रदेश सरकार की ओर से की गई अधिसूचना में 1200 परिवारों की जमीन का ब्यौरा भी दिया जा चुका है। अधिग्रहण के लिए सरकार ने 14 गांवों की सरकारी और निजी करीब 147 हेक्टेयर (करीब 3847 कनाल) जमीन चयनित की है। इसमें 123 हेक्टेयर निजी और 24 हेक्टेयर सरकारी भूमि चयनित है।

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