सूरत-ए-हाल: डेंटल चेयर पर रस्सी से टॉर्च बांधकर करना पड़ रहा इलाज, एक्सरे फिल्म भी खत्म

बिलासपुर जिले के दूसरे सबसे बड़े सिविल अस्पताल घुमारवीं में संसाधनों और व्यवस्थाओं के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके बावजूद दांत में तकलीफ वाले मरीज को पूरा इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसा नहीं है कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं। अस्पताल में एक नहीं दो-दो दंत चिकित्सक हैं, लेकिन डॉक्टर होने के बाद भी मरीज को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसका कारण संसाधनों का अभाव है।

करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी दंत रोग से जुड़े उपकरण अस्पताल में नहीं हैं। यहां तक कि दांत के मरीजों के इलाज के लिए सबसे जरूरी डेंटल चेयर खुद बीमार है। अस्पताल में दो डेंटल चेयर हैं। इनमें से एक कई साल से खराब है। दूसरी की हालत ऐसी है कि डॉक्टरों को डेंटल चेयर पर मरीज को लिटाने के बाद टॉर्च का सहारा लेकर इलाज करना पड़ रहा है। कारण है कि डेंटल चेयर के लाइट बॉक्स में लगाए जाने वाला बल्ब हर दो घंटे बाद फ्यूज हो जाता है। इस वजह से चिकित्सकों को डेंटल चेयर पर रस्सी की सहायता से टॉर्च बांधकर मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है।

चिकित्सकों का कहना है अस्पताल प्रशासन को इस बात से काफी पहले ही अवगत करवा दिया गया है, लेकिन अरसे बाद भी जवाबदारी वाले प्रस्ताव बनाकर भेजने की बात की जा रही है। अस्पताल में दांत का इलाज कराने वाले मरीजों की परेशानियां यहीं खत्म नहीं होतीं। मरीजों का एक्सरे नहीं हो पा रहे हैं। एक्स-रे विभाग इसके लिए एक्स-रे फिल्म उपलब्ध न होना बता रहा है। दंत विभाग के बार-बार आग्रह पर भी एक्स रे फिल्म उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

रोजाना दंत रोग के आते हैं 50 मरीज

अस्पताल में रोजाना 50 के करीब दांत के रोगियों की ओपीडी है। इसके लिए अस्पताल में दो चिकित्सक तैनात किए हैं। रोजाना करीब 15 से 20 मरीजों को एक्स-रे की जरूरत पड़ती है। इसके लिए मरीज को निजी लैब या फिर निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। निजी लैब वाले एक दांत के एक्स-रे के लिए ढाई सौ से 300 रुपये वसूल रहे हैं। एक्स-रे करने के बाद लैब वाले मरीज के मोबाइल में दांत के एक्स-रे की फोटो लोड कर देते हैं और यदि मरीज दांत की फिल्म मांगे तो उससे 100 रुपये अतिरिक्त मांगे जाते हैं। इससे मरीज का मर्ज कम होने के बजाय बढ़ रहा है।

अस्पताल में दांत के एक्स-रे की फिल्म उपलब्ध नहीं है, ऐसी जानकारी नहीं है। ऐसा जरूर है कि अस्पताल में एक ही रेडियोलॉजिस्ट है जो कई दिनों से छुट्टी पर है। दूसरे अस्पताल से रेडियोलॉजिस्ट बुलाकर काम चलाया जा रहा है। इसके कारण एक्स-रे को लेकर थोड़ी परेशानियां हैं। डेंटल चेयर की बात है उसके लिए उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।

 

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