आखिर केरल से ही क्यों शुरु होती है भारत में कोई ही महामारी? कोरोना, निपाह और मंकीपॉक्स का यही मिला था पहला केस

दुनिया में कई सदियों से अचानक ही कुछ ऐसी बीमारियां सामने आती हैं जो लोगों के लिए एकदम नई होती है. 2019 से पहले किसी ने कोरोना वायरस का नाम भी नहीं सुना था. लेकिन अचनाक सामने आए इस वायरस ने एक ही झटके में पूरी दुनिया को इन्फेक्ट कर दिया. भारत भी इससे अछूता नहीं रहा और यहां भी लाखों लोगों की जान इस वायरस की वजह से चली गई.

भारत में कोरोना का पहला मामला केरल से मिला था. यही मिला था सबसे पहला कोरोना वायरस इन्फेक्टेड इंसान. बात अगर अन्य वायरस की करें, तो निपाह वायरस का भारत में पहला केस भी केरल से ही सामने आया था और मंकीपॉक्स का भी. आखिर इसके पीछे क्या कारण हो सकता है? सोशल मीडिया पर एक शख्स ने इसी वजह समझाने की कोशिश की. कई लोग शख्स के तर्क से सहमत हैं और कई ने इसमें और भी पॉइंट्स ऐड किये हैं.

दुनिया के कई हिस्से में फैले हैं केरलवासी

केरल के रहने वाले कई लोग दुनिया के अलग-अलग देशों के मेडिकल फैकल्टीज से जुड़े हुए हैं. ऐसे में जब वो अपने घर वापस आते हैं तो कई तरह के वायरस भी ले आते हैं. इसके अलावा केरल में वाइल्डलाइफ डेंसिटी काफी ज्यादा है. जंगलों की कटाई के कारण ये जानवर लोगों के नजदीक ही रहते हैं. ऐसे में इन जानवरों से भी कई जानलेवा वायरस इंसानों में फ़ैल जाते हैं. आखिर में शख्स ने बताया कि केरल के लोग अपनी हेल्थ के लेकर ज्यादा अवेयर हैं. अगर उन्हें कोई भी सिम्प्टम नजर आता है तो वो टेस्ट करवाते हैं. इस वजह से वायरस डिटेक्ट हो जाता है.

लोगों ने की तारीफ

शख्स के इस वीडियो को अभी तक लाखों बार देखा जा चुका है. यश राज शर्मा नाम के इस शख्स के तर्क लोगों को जायज लगे. कई ने कमेंट में उसकी तारीफ की. कई ने माना कि वाकई केरल के लोग हेल्थ से जुड़े किसी भी मामले को हलके में नहीं लेते. कोरोना के दौरान कई लोग अपनी बिमारी को छिपाकर पब्लिक में घूमते देखे गए. लेकिन केरल के लोगों के एजुकेशन की वजह से वो आइसोलेट रहते थे. शायद यही वजह है कि भले ही कोई भी वायरस पहले यहाँ डिटेक्ट होती है लेकिन इसके ज्यादा प्रभाव स्टेट पर नहीं पड़ता.

Spread the News
Verified by MonsterInsights