चम्बा : सरकारी स्कूलों के लिए अभिभावकों की बदली सोच, आधुनिक मॉडल पर तैयार किए गए प्री-प्राइमरी स्कूल

चम्बा : हर अभिभावक यही चाहता है उनके बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मिले और वह जिंदगी में सफलता हासिल करे। यही वजह है कि वे बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिल करवा बेहतर शिक्षा दिलाने को तरजीह देते हैं। लेकिन चंबा जिले के प्री-प्राइमरी स्कूलों ने सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों की मानसिकता को काफी हद तक बदलने में सफलता पाई है। वजह यह है कि बच्चों को यहां निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं मिल रही हैं और अभिभावक यहां पढ़ाने के लिए तरजीह दे रहे हैं।

इस साल 183 स्कूलों को मिली मंजूरी

प्रदेश सरकार के आदेशानुसार, जिला प्रशासन ने चंबा जिला के 778 प्री-प्राइमरी चले रहें है, जिसमें 183 स्कूलों को इस वर्ष मंजूरी मिली है। सरकार ने उक्त स्कूलों में से 342 स्कूलों का कायाकल्प कर मॉडल बना दिया है। विभाग ने अब तक 7210 नौनिहालों को इन प्री-प्राइमरी स्कूलों में प्रवेश दिलवाने में सफलता हासिल की है। इन दाखिलों में 3025 नर्सरी व 4190 नौनिहालों ने केजी कक्षाएं शामिल हैं। इनमें से 150 नौनिहाल ऐसे भी है जिन्होंने निजी स्कूल को छोड़ कर प्री-प्राइमरी स्कूल में प्रवेश लिया है।

करोड़ों के बजट से स्कूलों का कायाकल्प प्रदेश सरकार के आदेशानुसार जिला प्रशासन ने दो करोड़ 67 लाख छह हजार से अधिक बजट खर्च करके चंबा जिला के 342 प्री-प्राइमरी स्कूलों की तस्वीर बदल दिया है। जिला के सरकारी स्कूलों के बच्चे न सिर्फ स्मार्ट क्लास के जरिए पढ़ाई कर रहे है, बल्कि हर वो बेहतरीन सुविधा का लाभ भी ले रहे जिनकी कल्पना केवल निजी स्कूलों में होती थी। इस सुविधा से अब खेल-खेल में प्री-प्राइमरी स्कूल के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है। इन स्कूलों में आने वाले बच्चों को स्कूल पूर्व की शिक्षा दी जा रही है।

सभी सुविधाओं से लैस हैं ये प्री-प्राइमरी स्कूल

उपायुक्त अर्पूव देवगन के मुताबिक, विभाग ने इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाया है। जिन प्री-प्राइमरी स्कूलों को मॉडल बनाया गया है, उनका जीर्णोद्धार कर आकर्षक सुविधायुक्त बाल केंद्रित बनाकर बेहतर वातावरण तैयार किया गया है। इन स्कूलों में अध्यापकों को स्लाइडिंग खिड़की, फर्नीचर, गैस कनेक्शन, धुआं रहित चूल्हा देने के साथ ही शौचालय का निर्माण करवाया गया है। साथ ही विभाग की ओर से झूले, टेबल व कुर्सियां भी प्रदान कर दी गई हैं।

वहीं, सुमन कुमार मिन्हास जो कि टीचर हैं, उन्होंने बताया कि चंबा जिले में 778 प्री-प्राइमरी हैं। जिसमें से 183 स्कूलों को इस वर्ष मंजूरी मिली है। इन स्कूलों में से 342 प्री-प्राइमरी स्कूलों का कायाकल्प कर मॉडल बना दिया है। जिला के सभी प्री-प्राइमरी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। जिला के 150 बच्चे है ऐसे है जिन्होंने निजी स्कूल को छोड कर प्री-प्राइमरी में प्रवेश लिया है।

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