मरते-मरते हिमाचल सरकार को 400 एकड़ जमीन दान में दे गई पालमपुर की चंद्रप्रभा

भूमि के लिए कई बार भाई ही भाई का दुश्मन बन जाता है। भूमि के लिए तो कई युद्ध भी लड़े गए हैं। वहीं, कई लोग भूमि दान कर दूसरों के लिए मिसाल कायम करते हैं। हिमाचल के कांगड़ा जिले की 91 वर्षीय चंद्रप्रभा कमलजीत ने ऐसी ही मिसाल कायम की है। वृद्धा ने मृत्यु से कुछ घंटे पहले प्रदेश सरकार को 3200 कनाल (400 एकड़) भूमि दान दी।

चंद्रप्रभा ने पालमपुर के तहसीलदार सार्थक शर्मा को गुरुवार शाम फोन कर अंतिम इच्छा पूरी करने का आग्रह किया। तहसीलदार ने संबंधित पटवारियों को रात को चंद्रप्रभा के घर जाने का निर्देश दिया। पटवारियों ने औपचारिकताएं पूरी कर चंद्रप्रभा के हस्ताक्षर स्वजन के समक्ष लिए और थला और भगोटला पंचायत में उनकी भूमि सरकार को हस्तांतरित की। शुक्रवार सुबह करीब छह बजे चंद्रप्रभा का निधन हो गया। चंद्रप्रभा के पति का कई साल पहले निधन हो गया था।

उनके परिवार में दो बेटे हैं। चंद्रप्रभा क्षेत्र की कई समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ी रहीं। मुख्यत: इनरव्हील क्लब की कई वर्ष तक अध्यक्ष रहीं। वह रेड क्रॉस सोसायटी, शनि सेवा सदन, रोटरी क्लब आदि में भी सहभागी रहीं।

दान दी भूमि में आईटी पार्क बनाने की प्रस्तावना

पालमपुर के तहसीलदार सार्थक शर्मा ने कहा कि चंद्रप्रभा कमलजीत की ओर से दान दी गई भूमि में आईटी पार्क बनाने की प्रस्तावना की गई है। गत दिनों उद्योग मंत्री ने प्रशासन व राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ इस भूमि का निरीक्षण कर इसे आइटी पार्क के लिए उपयुक्त बताया था।

पहले भी जताई थी भूमि दान की इच्छा

चंद्रप्रभा ने काफी पहले राजस्व विभाग के समक्ष भूमि दान करने की इच्छा जताई थी। वीरवार शाम उन्होंने फोन कर घर आने और सभी औपचारिकताएं पूरी करने का आग्रह किया था। इस दौरान संबंधित पटवारियों को बुलाकर भूमि दान की औपचारिकताएं पूरी की गईं।

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