कितनी बार उठाया जाएगा ईवीएम मुद्दा, ईवीएम-वीवीपैट वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के जरिए डाले गए सभी वोटों को वीवीपैट पेपर ट्रेल्स के साथ सत्यापित करने की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिकाएं हर साल भारत के चुनाव आयोग समान मुद्दों को उठाते हुए दायर की जाती हैं। यहां तक कि भारत के चुनाव आयोग का दावा है कि त्रुटि की किसी भी गुंजाइश को ठीक कर दिया गया है। जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम इस मामले को नवंबर में सूचीबद्ध करेंगे

हम कितनी बार इस मुद्दे से निपटते हैं। इस आधार पर हर साल एक नई याचिका दायर की जाती है। इसके अलावा और भी जरूरी मामले हैं। यह कोई आपराधिक मामला नहीं है। सुनवाई के दौरान एनजीओ की तरफ से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि चूंकि चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इसलिए इसकी तत्काल आवश्यकता है। इस पर पीठ ने कहा कि प्रशांत भूषण जी, यह मुद्दा कितनी बार उठाया जाएगा? इसमें कोई शीघ्रता नहीं है। इसे उचित समय पर आने दीजिए…। पीठ ने कहा कि प्रशांत भूषण ने अनुरोध किया है और उन्हें प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है। याचिका को नवंबर में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें। एडीआर का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील प्रशांत भूषण ने अदालत को बताया कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत तक होने वाले हैं और उन्होंने जल्द तारीख की मांग की।

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