16 केस में जमानत के बाद घिरे इमरान: महिला जज को धमकाने के मामले में गैर जमानती वारंट जारी

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर अदालतों की मेहरबानी बुधवार को थम गई। इस्लामाबाद के सेशन्स कोर्ट ने महिला जज जेबा चौधरी को धमकाने के मामले में खान के खिलाफ फिर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।

इसके पहले 16 मामलों में इमरान को जमानत मिल चुकी है। 9 केस में उन्हें लाहौर हाईकोर्ट से बेल मिली, जबकि 7 मामलों में इस्लामाबाद कोर्ट ने बेल दी है। खान उनके खिलाफ मजबूत केसों में पेश होने से लगातार बच रहे हैं। हालांकि, माना जा रहा है कि अगर वो गिरफ्तार हो जाते हैं तो उन्हें इन मामलों में भी पेश किया जाएगा। बुधवार को सेशन्स जज ने कहा- ये अदालत की तौहीन भी है, खान को पेश होना ही पड़ेगा

18 अप्रैल तक का वक्त

इस्लामाबाद कोर्ट ने पुलिस से कहा है कि वो इमरान को गिरफ्तार करके 18 अप्रैल तक कोर्ट में पेश करे। इस मामले की पिछली सुनवाई 24 मार्च को हुई थी। तब हंगामे और मारपीट के हालात बन गए थे। जज गैर-जमानती वारंट को जमानती वारंट में तब्दील कर दिया था। इसके बावजूद इमरान न तो कोर्ट में पेश हुए और न ही जमानत की मियाद बढ़वाने की कोशिश की।

 

बुधवार को सरकारी वकील रिजवान चौधरी ने सुनवाई के दौरान कहा- इमरान पर जज और पुलिस को धमकाने के गंभीर आरोप हैं। इसके बावजूद वो अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं। क्या खान पाकिस्तान के कानून से भी बड़े हो गए हैं। अगर वो दूसरी अदालतों के सामने पेश हो सकते हैं, तो यहां आने में क्या परेशानी है। हर बार उन्हें पेश होने से राहत आखिर किस आधार पर दी जा रही है। वो जमानत पर दस्तखत के लिए भी कोर्ट में नहीं आते।

इमरान के वकील फैसल चौधरी ने इस बार भी पुरानी दलील दी। कहा- मेरे मुवक्किल को यहां आने में जान का खतरा है। इस दलील को जज राणा मुजाहिद ने खारिज कर दिाय। कहा- जमानत रद्द की जाती है। पुलिस 18 अप्रैल तक इमरान को गिरफ्तार करके हमारे सामने पेश करे।

पिछली बार बच गए थे इमरान

इस मामले में पहले भी खान के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी हुआ था। इसके बाद इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने इलेक्शन कैम्पेन शुरू करने का ऐलान कर दिया था। 16 मार्च को बचने के लिए आनन-फानन में एक रैली भी प्लान कर ली गई थी। इमरान काले रंग की बुलेट प्रूफ गाड़ी में घर से निकले और सैकड़ों लोग उनके साथ थे। जियो न्यूज के मुताबिक- इमरान भीड़ की आड़ में किसी भी तरह से गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहे थे। तब सिक्योरिटी फोर्सेस और पुलिस उनको गिरफ्तार करने में नाकाम रहे थे।

तब डिस्ट्रिक्ट जज राणा मुजाहिद रहीम ने ऑर्डर में कहा था- मुल्क की ज्यूडिशियरी की इज्जत करना बेहद जरूरी है। कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो या वो किसी भी ओहदे पर हो, अगर वो खुलेआम जजों को धमकी देगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर होनी चाहिए। इमरान पर पिछले हफ्ते तोशाखाना (सरकारी खजाने) के गिफ्ट मामूली कीमत पर खरीदने और फिर उन्हें करोड़ों रुपए में बेचने के मामले में भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। इस मामले में उन्हें राहत मिल गई थी।

अब बहाने नहीं चलेंगे

सुनवाई के दौरान इमरान के वकील ने दलील में कहा- खान की उम्र 71 साल है। उनके पैर में प्लास्टर है। इसके अलावा अगर वो अदालत में पेश होते हैं तो उनकी सिक्योरिटी को भी खतरा है। इस पर जज राणा रहीम ने कहा- इस मुल्क में सिक्योरिटी की जिम्मेदारी पुलिस और दूसरे विभागों की है। आपको हर केस में राहत नहीं दी जा सकती। हम इमरान को गिरफ्तार करने का ऑर्डर जारी कर रहे हैं।

अब तक 80 केस दर्ज

 

खान पर अब तक कुल 80 केस दर्ज हो चुके हैं। खान पर तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदने और ज्यादा दामों में बेचने का आरोप है। इसे लेकर पाकिस्‍तान के चुनाव आयोग ने उन्हें 5 साल के लिए अयोग्‍य घोषित किया है। उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। इस फैसले के खिलाफ इमरान समर्थकों ने चुनाव आयोग (EC) के ऑफिस के बाहर हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें कुछ लोग घायल भी हुए थे। इस घटना के बाद खान के खिलाफ एंटी टेररिज्म एक्ट के तहत वारंट जारी हुआ था।

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान

पिछले साल 20 अगस्त को इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान इमरान ने महिला जज और पुलिस अधिकारियों को खुलेआम धमकी दी थी। इसी बीच इमरान की पार्टी PTI की लीगल टीम ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में खान की गिरफ्तारी से पहले जमानत याचिका दायर कर दी थी। ये बुधवार को खारिज हो गई।

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