राम मंदिर बना… संकल्प पूरा… 33 साल के बाद 53 साल का ये शख्स बना दूल्हा, दुल्हन भी 48 की

अयोध्या में प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हो चुके हैं. 22 जनवरी की वह तारीख भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है. राम मंदिर आंदोलन के साथ आपने भव्य मंदिर निर्माण को लेकर लोगों की अनेक कहानियां और अनेक संकल्प आपने जरूर सुना होगा लेकिन आज हम आपको राम मंदिर से जुड़ी एक ऐसे संकल्प के बारे में बताएंगे जो 33 वर्ष पूर्व लिया गया था.

दरअसल, राजस्थान के एक 53 साल के आदमी ने बिना किसी बैंड बाजा और बारात के अपना संकल्प को पूरा करने के लिए कार्यसेवक पुरम को ही अपना विवाह स्थल बना लिया. राम मंदिर को लेकर लिए गए संकल्प को पूरा करने के लिए राजस्थान से आए डॉ. महेंद्र भारती और डॉ.शालिनी गौतम ने बाकायदा हिंदू रीति रिवाज के साथ आज कार्यसेवक पुरम में शादी की. गौरतलब है कि डॉ. महेंद्र भारती की उम्र 53 साल है जबकि कि डॉ. शालिनी गौतम की उम्र 48 साल है.

क्या था डॉ. महेंद्र भारती का संकल्प?
राजस्थान के रहने वाले डॉ. महेंद्र भारती ने बताया कि 2 नवंबर 1990 को जब कार सेवक हनुमानगढ़ी होते हुए विवादित स्थल की ओर बढ़ने लगे तब यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने पुलिस को आदेश दिया और कार सेवकों को और राम भक्तों पर पुलिस ने अंधाधुंध गोलियां चलाई गई थी. उस समय बड़ी संख्या में राम भक्तों की मौत हुई. तो उस दौरान हर किसी ने राम मंदिर बनने का संकल्प लिया था तो हमने भी 1990 में एक संकल्प लिया था और वह संकल्प था कि जब तक प्रभु राम का भव्य मंदिर नहीं बन जाता तब तक हम गले में माला नहीं धारण करेंगे और ना ही शादी करेंगे.

20 साल की उम्र में लिया था संकल्प
डॉ. महेंद्र भारती ने बताया कि जब मैने संकल्प लिया था तो मेरी उम्र 20 साल थी अब मैं 53 साल का हूं . यह संकल्प 33 साल बाद पूरा हुआ है. अब प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हो गए है तो आज हमने प्रभु राम की जन्मस्थली अयोध्या में सात फेरे लिए हैं. हमारा संकल्प पूरा हो गया और शालिनी जैसी जीवनसाथी हमें मिली हम बहुत खुश नसीब हैं. इतना ही नहीं शादी के लिए हमने कारसेवक पुरम इसलिए चुना क्योंकि यहां पर हमें कारसेवक का आशीर्वाद मिलेगा.

ईश्वर की अनुकंपा से आया शुभ अवसर
नई नवेली दुल्हन डॉक्टर शालिनी ने बताया कि ईश्वर की अनुकंपा से आज हमने शादी की है. हम अपने आप को बहुत अधिक गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. प्रभु राम का भव्य मंदिर बन गया है. बस प्रभु राम से यही प्रार्थना है कि हम दोनों लोग के ऊपर अपना आशीर्वाद बनाए रखे. यहां पर हमें प्रभु राम के साथ-साथ राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए कारसेवकों का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ है.

Spread the News