कन्नड़ भाषा में यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले पहले व्यक्ति एवं कलाकार के. शिवराम का निधन

कन्नड़ एक्टर और पॉलिटिशियन के शिवराम का गुरुवार को बेंगलुरु में 70 साल की उम्र में निधन हो गया. खराब हेल्थ से जूझ रहे शिवराम ने बेंगलुरु के ही एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार यानी 1 मार्च को होगा. शिवराम को ‘बा नल्ले मधुचंद्रके’ और ‘टाइगर’ में उनके दमदार रोल के लिए जाना जाता है.

एक्टिंग के अलावा के शिवराम 1986 में कन्नड़ में यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले पहले व्यक्ति हैं. 2013 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद एक्टर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर पॉलिटिक्स ज्वॉइन कर ली. उसके बाद जनता दल (सेक्युलर) और फिर भारतीय जनता पार्टी में रहे. बीजेपी में उन्होंने 7 सालों तक काम किया.

के शिवराम का जन्म एक गरीब दलित परिवार में हुआ था, उनके पिता थिएटर कोच एस. केम्पैया थे. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत नागथिहल्ली चन्द्रशेखर के अपने उपन्यास ‘बा नल्ले मधुचंद्रके’ पर आधारित फिल्म से की थी. रोमांटिक थ्रिलर अप्रत्याशित रूप से हिट हो गई, लेकिन के शिवराम खुद को कन्नड़ सिनेमा में एक एक्टर के तौर पर स्थापित नहीं कर सके.

एक्टर की आखिरी और एकमात्र अन्य यादगार भूमिका नंद किशोर की एक्शन फिल्म ‘टाइगर’ में शिवराम लीड एक्टर थे, जिसमें उनके बहनोई प्रदीप ने अशोक नायक की मुख्य भूमिका निभाई थी. इसमें दिवंगत दिग्गज एक्टर ओम पुरी भी अहम भूमिका में थे.

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