फोरलेन संघर्ष समिति का आरोप, लोगों को भवन जल्द खाली करने को धमका रहे फोरलेन अधिकारी
पठानकोट- मंडी राष्ट्रीय राज उच्च मार्ग एनएच 154 के किनारे बसे फोरलेन की जद में आने वाले परिवारों को फोरलेन के उच्च अधिकारियों द्वारा जल्द अपने परिसर उखाड़ने व खाली करने के लिए धमकाया जा रहा है। यह आरोप फॉरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष दरबारी लाल मे आज पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान एनएच के विषय मे कहा कि प्रोजेक्ट डायरेक्टर पालमपुर के अधीन जो अधिकारी व कर्मचारी हैं उनके द्वारा छतरोली, राजा का बाग,नगलाहड़ मुहाल के फोरलेन प्रभवितो को यह कहकर धमकाया जा रहा है कि उच्चाधिकारियों का आदेश है कि इन परिसरों को अगर जल्दी फोरलेन प्रभावित लोगो ने खाली नहीं किया तो अपनी मशीनरी लगा कर इसे तोड़ दिया जायेगा ।
उन्होंने कहा कि इस इन मुहालों के कई प्रभावितों के खाते में पैसे डाले मात्र 15 से 20 दिन हुए है ।ऐसे में छतरौली, राजा का बाग, नगलाहड़ आदि मुहालों के प्रभावित लोगों के साथ यह अधिकारी व कर्मचारी धमकाने का कार्य कर रहे हैं ।
उन्होंने फोरलेन अधिकारियों से जानना चाहा कि मात्र 15 से 20 दिन पहले मिले मुआवजे पर कैसे जमीन खरीदकर मकान बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एन एच के अधिकारियों का अगर ऐसा रवैया रहा तो प्रभावित न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले मुआवजा आवार्ड होने के बाद 1 से 2 साल बाद पैसे डाले गए हैं पर अब मुआवजा आने के बाद 2 महीने का भी समय नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह का दबाव व मानसिक प्रताड़ना इन प्रभवितो पर बनायी गयीं तो यह प्रभावित लोग धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे! जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार व प्रशासन पर होगी !
उन्होने कहा कि खुद को नुरपुर का वेटा इन प्रभावितों के साथ नुरपुर मे विपक्ष की भूमिका निभाने की जगह आखिरकार इस मामले मे खमोश क्यो है। उन्होने मुख्यमंत्री सुखविदंर सिंह सूक्खू से इस मामले में जनहित मे कदम उठाने इस का निवेदन करके हुऐ कहा कि भाजपा शासन में नुरपुर में इन प्रभावितों के साथ शोषण किया गया था। ऐसे अधिकारीयो के खिलाफ कांगेस सरकार उचित कदम उठाये।इस मौके पर महासचिव विजय सिंह हीर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा व प्रेस सचिव बलदेव पठानिया सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।