8 दिन बाद भी रेस्क्यू नहीं हो पाया पॉलेंड के पायलट का शव, अब सेना की मदद मांगी

हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी के बीड़-बिलिंग से आठ दिन पहले फ्री फ्लायर के तौर पर उड़ान भरने वाले पॉलैंड के 70 वर्षीय पायलट आंद्रे कुलाविक के शव को अब तक भी गहरी खाई से रेस्क्यू नहीं किया जा सका है. इतना ही नहीं, परिस्थितियों की नाजुकता को देखते हुए पहाड़ियों पर छोड़े गए रेस्क्यू टीम के सदस्यों को भी अब वापस बुला लिया गया है. क्योंकि शव बहुत ही गहराई में है.अब शव को निकालने के लिए भारतीय सेना की मदद ली जाएगी.

दरअसल, 24 अक्तूबर को पॉलैंड के पायलट ने बिलिंग से उड़ान भरी थी और धर्मशाला जाते समय रास्ता भटकने के कारण से त्रियुंड की ऊपर की पहाड़ियों पर गिर गया था. त्रियुंड के ऊपर स्थित इन पहाड़ियों में बर्फ होने के कारण माइनस डिग्री तापमान है और इस स्थान पर पहुंचना बहुत कठिन है.

मौसम खराब और बर्फ भी पड़ी है

रविवार को बचाव दल के दो युवकों को इस स्थान पर उतारा गया था और सोमवार को इन दो युवकों को लिफ्ट कर लिया गया. बताया जा रहा है कि इस स्थान पर नीचे से जाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई रास्ता नहीं है और 12000 फीट पर स्थित जगह पर बर्फबारी और मौसम अनुकूल नहीं है. अब तक निजी कंपनी के दो हेलीकॉप्टरों के अतिरिक्त वायु सेना और एनडीआरएफ की टीम का भी सहयोग लिया गया है, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी है. अब भारतीय सेना की मदद से शव को बाहर लाने का प्रयास किया जाएगा.

डीसी कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने बताया कि पायलट तक पहुंचाने के प्रयास किया जा रहे हैं. न्यूज़ 18 को मिली सूचना के मुताबिक भरमौर के रनुहकोठी और सामरा की पहाड़ियों के ऊपर भी पहली मर्तबा एक पैरा ग्लाइडर को उड़ते हुये देखा गया था, जिसे देखकर लोग बेहद हैरान थे. क्योंकि इन पहाड़ियों के ऊपर कभी भी पैरा ग्लाइडर उड़ते हुए नहीं देखे गये और ये क्षेत्र धौलाधार के पिछली तरह का है.

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