हिमाचल में एक अप्रैल से महंगी होगी बिजली, जानें आपकी जेब पर कितना पड़ेगा भार?

हिमाचल प्रदेश में एक अप्रैल से बिजली महंगी हो जाएगी, लेकिन राहत की बात ये है कि बढ़े हुए भाव का आम उपभोक्ताओं की जेब पर कोई असर नहीं पड़ेगा. ये इसलिए कि बिजली की बढ़ी हुई दरों का भुगतान सरकार सब्सिडी से करेगी. ऐसे में प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को चिंता करने की जरूरत नहीं है.

ऊर्जा शुल्क में 75 पैसे से 1 रुपये प्रति यूनिट की दर से वृद्धि

विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की नई दरें पारित कर दी हैं. ऐसे में एक अप्रैल से प्रदेश भर में प्रचलित ऊर्जा शुल्क में 75 पैसे से एक रुपये प्रति यूनिट की दर से वृद्धि होगी. विद्युत नियामक आयोग की सचिव छवि नांटा के मुताबिक बिजली की नई दरें पहली अप्रैल से लागू होंगी. जिसको लेकर आयोग ने 15 मार्च को अधिसूचना जारी कर दी है. उन्होंने कहा कि बिजली की दरों में होने वाली बढ़ोतरी का आम उपभोक्ताओं पर असर नहीं पड़ेगा. इसके लिए प्रदेश सरकार ने सब्सिडी के तौर पर बढ़ी हुई दरों का भुगतान करने का फैसला लिया है.

8111 करोड़ राजस्व का अनुमान

अगले वित्त वर्ष के लिए छोटे और मध्यम उद्योगों को छोड़ सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बढ़ोत्तरी हो रही है. विद्युत नियामक आयोग ने इससे 8111 करोड़ की वार्षिक राजस्व जरूरत (एआरआर) का अनुमान लगाया है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए एचपीएसईबीएल के लिए आपूर्ति की औसत लागत 6.79 रुपए प्रति यूनिट होने का अनुमान लगाया है.

इन उद्योगों को मिलेगी ऊर्जा शुल्क में छूट

विद्युत नियामक आयोग के मुताबिक प्रदेश के विकास में उद्योगों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. जो रोजगार देने में भी अपनी भूमिका निभा रहे है। इसको देखते हुए नए और पर्याप्त विस्तार करने वाले उद्योगों को ऊर्जा शुल्क में छूट दी है. वहीं, औद्योगिक उपभोक्ताओं को जो अभी 15 फीसदी छूट दी जा रही है, ये अगले वित्त वर्ष में भी जारी रहेगी. इसी तरह से प्रदेश में जिन उद्योगों को तीन साल से अधिक का समय हो गया है, इन उद्योगों को 15 फीसदी की अतिरिक्त छूट मिलने वाली है. विद्युत नियामक आयोग ने टैरिफ में केवल उन उद्योगों के लिए यह योजना दी है जो प्रदेश में लंबे समय से चल रहे हैं.

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