हिमाचल कांग्रेस में रूठे नेताओं का स्वागत, जगजीवन पाल और परस राम की पार्टी में वापसी

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ी संजीवनी मिली है। विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने की वजह से बगावत कर मैदान में उतरे दो नेताओं की घर वापसी हुई है। दोनों बड़े नेता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में बड़ा उलटफेर करते हुए दूसरे स्थान पर रहे थे। जिन नेताओं के लिए कांग्रेस ने चंडीगढ़ में हुई समन्वय समिति की बैठक में वापसी के दरवाजे खोले हैं, उनमें एक बड़ा नाम सुलाह से पूर्व सीपीएस जगजीवन पाल का है, जो दो बार विधायक रहे हैं। जगजीवन पाल 2003 और 2012 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन 2017 में चुनाव हारने की वजह से पार्टी ने 2022 के चुनाव में उन्हें टिकट न देने का फैसला किया। इसके खिलाफ जगजीवन पाल निर्दलीय ही मैदान में उतर गए और उन्होंने 29 हजार 558 वोट हासिल किए। यह कुल मतदान का 45.58 फीसदी था। इस चुनाव में भाजपा के विपिन परमार को 36670 वोट मिले थे। सुलाह में भाजपा का वोट शेयर 48.35 प्रतिशत रहा था। यहां जगजीवन पाल के निर्दलीय चुनाव लडऩे से कांग्रेस को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस को महज नौ फीसदी वोट मिल पाए थे।

उधर, कुल्लू जिला के आनी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने 2017 में चुनाव हारने के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में परस राम की टिकट काट दी थी। कांग्रेस ने यहां बंसी लाल को उम्मीदवार बनाया। इससे नाराज होकर परस राम निर्दलीय चुनाव में उतर गए। उनके चुनाव लडऩे से कांग्रेस का वोट शेयर बंट गया और पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी यहां तीसरे नंबर पर खिसक गए। भाजपा के लोकेंद्र कुमार को 24133 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, जबकि परस राम दूसरे नंबर पर रहे थे। उन्हें 17355 वोट मिले, तो कांग्रेस के बंसी लाल के खाते में 14224 वोट पड़े। वोट शेयर में भाजपा को 35.77 प्रतिशत, निर्दलीय परस राम को 25.72 प्रतिशत और कांग्रेस को 21.08 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। अब दोनों नेताओं की घर वापसी से कांग्रेस इन दोनों विधानसभा सीटों पर मजबूत स्थिति में नजर आएगी। सुलह में कांग्रेस और निर्दलीय का वोट शेयर 54 फीसदी से ज्यादा बन रहा है, तो कुल्लू के आनी में यह जोड़ 46 फीसदी से ज्यादा का होगा। बहरहाल, कांग्रेस का सिलसिला अन्य सीटों पर भी जारी रहेगा और आने वाले दिनों में विधानसभा के बागियों की घर वापसी के दरवाजे खुलेंगे।

शुक्ला बोले, दूसरे नेताओं के लिए भी दरवाजे खुले

हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि राज्य अनुशासन समिति की सिफारिश और आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए दोनों नेताओं की घर वापसी का फैसला लिया गया है। पूर्व विधायक जगजीवन पाल और परस राम का निलंबन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। भविष्य में पार्टी दूसरे नेताओं के मामले में भी ऐसे फैसले ले सकती है। इसकी संभावनाएं खुली हैं।

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