सामूहिक विवाह में फर्जी दूल्हा-फर्जी दुल्हन, अधिकारियों ने पैसा कमाने के लिए करा दीं फर्जी शादियां

यूपी का अनोखा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन बलिया जिले में हुआ. सामूहिक विवाह की सच्चाई जब सामने आई तो जनपद वासियों के साथ आला अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई. जांच के लिए पहले तीन सदस्यों की टीम गठित की गई, उसके बाद जनपद स्तरीय 20 अधिकारियों को सत्यापन के लिए आवेदकों के घर-घर जाकर जांच करने का आदेश दिया गया है.

मामला जिले के मनियर ब्लॉक का है, जहां सामूहिक विवाह के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार करने का मामला प्रकाश में आया है. दरअसल, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में दूल्हे और दुल्हन को धनराशि के साथ बहुत सारा सामान भी दिए जाता है. जिसके तहत यहां अयोग्य दूल्हे दुल्हन को बैठाकर  सरकारी पैसों की बंदर बांट करने का प्रयास किया गया है. इस मामले में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के निर्देश पर जांच टीम के द्वारा दोषी पाए गए एडीओ, समाज कल्याण अधिकारी सहित 9 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया गया है.

मनियर में सामूहिक विवाह हुआ था
बलिया डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि 26 जनवरी 2024 को मनियर में सामूहिक विवाह हुआ था. जिसमें कुछ शिकायते मिली थी. गठित जांच टीम के माध्यम से वह शिकायत सत्य पाई गई है. एडीओ, समाज कल्याण अधिकारी सहित 09 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर दिया गया है. अन्य दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई तय है.

पैरों तले खिसक जाती है जमीन
जिले के मनियर ब्लॉक में 26 जनवरी 2024 को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह संपन्न कराया जाता है, जिसमें अधिकारियों की मिली भगत से धनराशि की बंदर बांट करने के उद्देश्य से फर्जी दूल्हे और दुल्हन के रूप में नाबालिक लड़कों को बैठाकर केवल कोरम पूरा किया गया. जब यह सच्चाई खुलकर सामने आई तो इसकी  जांच में जिले के आला अधिकारी के निर्देश पर कई टीम गठित की गई. हुआ वही जिसका संदेह था. कई लोग दोषी पाए गए और उन लोगों पर मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया. अब प्रश्न यह उठता है कि  सरकार जनहित में तमाम योजना बनाती है, लेकिन कहीं न कहीं ऐसे अधिकारी सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास करते हैं.

इस पूरे प्रकरण पर ये बोले मुख्य विकास अधिकारी

ओजस्वी राज मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि बीते दिनों जिले के मनियर ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें लगभग 468 जोड़ो की शादी हुई थी. कार्यक्रम में चार ब्लॉक के जोड़े शामिल हुए थे. उसके बाद किन्हीं माध्यम से यह जानकारी मिली  कि उसमें कुछ फर्जीवाड़ा किया गया है. सीडीओ ने आगे कहा कि इसकी जानकारी मिलते ही तत्काल इसका संज्ञान लेकर तीन सदस्यों की जांच टीम गठित की गई. जिसकी  रिपोर्ट भी मिल गयी  है. आज उसकी गति बढ़ाने के लिए 20 अधिकारियों को सभी आवेदकों के घर-घर जाकर सत्यापन की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. पहले रिपोर्ट के अनुसार सत्यापन अधिकारी और दोषी जोड़े के खिलाफ कठोर  कार्रवाई  की जा रही है.

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