HPSSC Hamirpur: जेओए आईटी मामले में दो चपरासी गिरफ्तार, 31 तक पुलिस रिमांड पर भेजे

भंग किए गए हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करने वाले दोनों चपरासियों को कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस हिरासत में भेज दिया है। रविवार को किशोरी लाल व मदन लाल को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें 31 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। दोनों को शनिवार देर शाम गिरफ्तार किया गया था।

किशोरी लाल की हाईकोर्ट ने जमानत याचिका भी खारिज की थी, उसी के बाद 20 तारीख को प्रोसेस शुरू हुआ।

अब हमीरपुर विजिलेंस की टीम दोनों आरोपियों को 31 मार्च को फिर से कोर्ट में पेश करेगी। दोनों चपरासियों से विजिलेंस गहनता से पूछताछ कर यह भी जानना चाह रही है कि इसके पीछे और कौन-कौन हैं? क्या कोई नई कड़ी जो छूट रही है? वह इसमें शामिल हो सकती हैं। उन्होंने अभ्यर्थियों की शीट भरकर पास करवाया था।

पूर्व सचिव से फिर होगी पूछताछ

उधर, विजिलेंस की टीम भंग आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर से 3 दिन की पूछताछ के बाद अब अगली क्या कार्रवाई करेगी। इस पर भी नजरें टिकी हुई हैं। हालांकि मंडी जॉन विजिलेंस के एसपी राहुल नाथ का कहना है कि अभी कुछ और पूछताछ की जानी है।

पूर्व सचिव के कार्यालय में ही हुआ है गड़बड़झाला

अहम बात यह है कि पूर्व सचिव और परीक्षा नियंत्रक रहे जितेंद्र कमर के कार्यालय में ही यह सब गड़बड़ झाला होता रहा। जिस उमा आजाद को मुख्य आरोपी बनाया गया है। आयोग ने उसे अब वरिष्ठ सहायक पद से निलंबित भी कर रखा है, वह गोपनीय शाखा में तैनात थी। उसके दोनों बेटे भी इस पेपर-स्कैम के मामले में आरोपी हैं और अभी पुलिस हिरासत में ही हैं।

हैरानी इस बात की है कि आयोग के सचिव के कार्यालय में यह सब कुछ होता रहा, लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी को लेकर केवल सवाल ही खड़े हैं।

ड्राइंग मास्टर पेपर में भी गिरफ्तारियां शीघ्र

विजिलेंस के चंबा स्थित एएसपी और जांच अधिकारी अभिमन्यु वर्मा भी ड्राइंग मास्टर पेपर लीक मामले की जांच में जुटे हैं। इस मामले में बिलासपुर से ताल्लुक रखने वाली सुनीता देवी और कुछ अन्यों की गिरफ्तारियां भी किसी भी समय हो सकती हैं।

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