कोरोना की दवा से बदल सकता है आंखों का रंग, नए वैरिएंट को लेकर WHO का अलर्ट

कोरोना वायरस बीते कुछ दिनों से एक बार फिर से तेजी से बढ़ने लगा है. इस बार कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट आया है जो फेफड़ों, दिल से लेकर शरीर के अन्य हिस्सों को भी बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है. हाल ही में एक नया और डराने वाला मामला सामने आया. जहां कोविड-19 की दवा लेने के कुछ दिनों बाद ही एक बच्चे की आंखों का रंग बदल गया. इस घटना के बाद से ही डॉक्टर्स हैरान हैं. आइए जानते हैं पूरा मामला और नए वैरिएंट से बचाव…

कोरोना की दवा से बदल गया आंखों का रंग

मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड -19 का यह चौंकाने वाला मामला थाईलैंड में सामने आया है. शुरुआत में खांसी बुखार जैसे सामान्य लक्षणों के बाद डॉक्टरों ने बच्चे को एंटीवायरल दवा दी. इसके बाद मरीज में कोरोना के लक्षणों में तो सुधार देखा गया लेकिन उसकी आंखों का रंग भी बदल सा गया.

क्या हमेशा के लिए बदल गया आंखों का रंग

रिसर्च जनरल, जर्नल फ्रंटियर्स इन पीडियाट्रिक्स में इस बच्चे की मेडिकल रिपोर्ट को भी पब्लिश किया गया है. इसके मुताबिक, आंखों के रंग में बदलाव आने के बाद डॉक्टरों ने उसे एंटीवायरल दवा देनी बंद कर दी थी. इसके करीब पांच दिनों में ही बच्चे की आंखों का रंग पहले जैसा हो गया था.

कोविड 19 की दवा के साइड इफेक्ट

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ग्लोबल लेवल पर कोरोना एक बार फिर से तेजी से बढ़ने लगा है. इस केस जहां एक तरफ बढ़ रहे हैं वहीं इसके इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के साइड इफेक्ट के मामले भी अक्सर सामने आते रहते हैं. ऐसे में लोगों को कोविड 19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को इस्तेमाल करने के दौरान कोई भी साइड इफेक्ट दिखते ही तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

WHO का अलर्ट

कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कई देशों में जहां इन दिनों सर्दियां शुरू हो रही हैं वहीं कोरोना के जोखिम भी तेजी से बढ़ते देखे जा रहे हैं ऐसे में सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की जरूरत है. कोरोना के नए वैरिएंट्स के खतरे को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण और कोरोना की ट्रैकिंग बढ़ाने की जरूरत है. हालांकि कुछ देशों में अब भी कोरोना के सीमित डेटा उपलब्ध है, डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि दुनिया भर में बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

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