हिमाचल: पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी के साथ ऑनलाइन ठगी, 79,900 की चपत

साइबर अपराधियों ने हिमाचल के एक पूर्व आईपीएस अफसर को ही निशाना बना लिया है। सेवानिवृत अधिकारी ने ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च किया था। इस दौरान शातिरों ने खुद को कस्टमर केयर का अधिकारी बताकर उनके मोबाइल पर कॉल कर एक एप डाउनलोड करवाई। इस पर पूर्व अधिकारी भी शातिर के झांसे में आ गए। खाते से दो बार करीब 79,900 रुपये गंवा बैठे। ठगी का शिकार हुए पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी ने छोटा शिमला थाने में मामला दर्ज करवाया है।

पुलिस के मुताबिक गूगल पर दर्शाया गया एक शॉपिंग कंपनी का कस्टमर केयर साइबर अपराधियों ने क्रिएट किया था। यह बात भंडारी समझ नहीं पाए। शातिरों ने पेशेवर एवं शातिराना तरीके से ठगी को अंजाम दिया। शिकायतकर्ता ने उनकी बातों में आकर एप डाउनलोड कर लिया। इस एप को खोलते ही भंडारी के खाते से दो बार 49900 और 30000 हजार रुपये की निकासी हो गई।

हैरत की बात है कि शातिर दो दिन तक सेवानिवृत डीजीपी से फोन पर बात करने रहे, लेकिन अब शातिर का मोबाइल बंद है। इसके बाद साइबर सेल में इसकी शिकायत दर्ज करवाई। छोटा शिमला थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उधर, एएसपी सुनील नेगी ने बताया कि मामले की तफ्तीश जारी है।

भंडारी 2013 में रहे हैं हिमाचल के डीजीपी

शातिर ठगी के नए-नए हथकंडे ईजाद कर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि अपराध पर अंकुश लगाने वाले एक वरिष्ठ पूर्व आईपीएस अधिकारी को शातिरों ने चुना लगा दिया। गौरतलब है कि 1982 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी भंडारी 2013 में हिमाचल प्रदेश के डीजीपी रहे थे। हालांकि उनका कार्यालय कुछ महीनों तक का ही रहा था।

गूगल पर सर्च किया नंबर, अनजान एप न करें लिंक

सेवानिवृत अधिकारी आईडी भंडारी ने अमेजॉन कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च किया। गूगल पर कई बार फर्जी वेबसाइट बनाकर शातिर गलत नंबर डालकर लोगों को अपने झांसे में फंसाते हैं। भंडारी भी इसका शिकार हो गए। उधर, साइबर थाना पुलिस ने लोगों को गूगल पर कस्टमर केयर नंबरों की सत्यापन जांचने, किसी भी अनजान एप पर लिंक न करने और ओटीपी शेयर न करने की हिदायत दी है।

Spread the News