मंडी एयरपोर्ट: भूमि अधिग्रहण में 8034 करोड़ रुपये की लागत, 5248 करोड़ की बन रही DPR, जल्द होगा शिलान्यास

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में ग्रीन फील्ड इंटरनेशन एयरपोर्ट का मुद्दा हिमाचल प्रदेश के विधानसभा के बजट सत्र के दौर सदन में गूंजा. मंगलवार को विपक्ष ने इस मामले में सरकार से सवाल किया. इस पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जवाब दिया है.

सदन में मंगलवार को एयरपोर्ट के सवाल पर सीएम सुक्खू ने कहा कि एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण होना है और इस भूमि अधिग्रहण के लिए 8034 करोड़ रुपये की लागत आएगी. हवाई अड्डे के लिए 5248.48 की डीपीआर तैयार की जा रही है. जल्द ही एयरपोर्ट का शिलान्यास किया जाएगा.

साथ ही सीएम ने सदन में कहा कि मंडी एयरपोर्ट नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर का सपना है. हम आम जनता के सपने पूरा करते हैं, यह तो फिर जय राम ठाकुर का सपना है. ऐसे में हम इसे पूरा करेंगे.

एयरपोर्ट को लेकर हुआ था सर्वे

हाल ही में एयरपोर्ट को लेकर एक एंजेसी ने सर्वे किया था और सरकार को सुझाव दिया था कि यह एयरपोर्ट मंडी के जाहू में बनाया जाए. सर्वे टीम ने दलील दी थी कि यहां पर 80 फीसदी जमीन पर खेती होती है. बल्ह काफी उपजाऊ क्षेत्र है. सोमवार को विधानसभा परिसर में बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष, प्रेमदास चौधरी की अध्यक्षता में किसानों का प्रीतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ठाकुर से भी मिला था.

नन्दलाल वर्मा ने कहा कि सामाजिक सर्वे के आधार पर 100% लोगों ने जमीन के सर्कल रेट को नकारते हुए बाजार भाव के आधार पर अपनी भूमि देने की शर्त रखी है, जबकि प्रचार किया जा रहा है कि लोग जमीन देने के लिए सहमत हैं. यह सरासर झूठ है. सर्वे रिपोर्ट ने यह भी माना है कि जमीन पर हवाई अड्डे के निर्माण से कृषि और सब्जी उत्पादन में भारी नुकसान  होगा और 83% किसान बेरोजगार हो जाएंगे. वहीं, कमेटी को माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर ठाकुर आश्वासन दिया है कि सरकार सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए फैसला लेगी और उपजाऊ जमीन को बचाया जाएगा.

जय राम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि यह एयरपोर्ट जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट है. हालांकि, इसका विरोध भी हो रहा है. क्यों बड़े पैमाने पर यह कृषि भूमि पर बनना प्रस्तावित है.

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