पुरानी पेंशन योजना सब पर पड़ेगी भारी: संजीव गुलेरीया

न्यु पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजीव गुलेरीया ने आज यहां प्रैस नोट मे कहा कि 2024 लोक सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मोदी भाजपा सरकार जो कि पुरानी पेंशन की अंध भक्त की तरह घोर विरोधी रही है। पुरानी पेंशन योजना की समीक्षा के लिए जो चार सदस्यीय समिति गठित करने का निर्णय लिया है जिस के अध्यक्ष केन्द्रीय वित्त सचिव , केन्द्रीय सचिव कार्मिक,केन्द्रीय विशेष सचिव कार्मिक , पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथार्टी अध्यक्ष सदस्य मनोनीत किए गए हैं ।

प्रदेश सरकारों से यह विचार विमर्श करेंगे कि यह निर्णय पुरे भारतवर्ष के लाखों कर्मचारियों अधिकारियों को गुमराह करने का षड्यंत्र केन्द्र सरकार द्वारा रचा गयी है।डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि पंजाब, झारखंड, छत्तीसगढ़ राज्य की सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की सैद्धांतिक रूप से सहमति दे दी है। राजस्थान में पुरानी पेंशन बहाल कर दी गई है और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था 1एक अप्रेल 2023 से शुरू हो गई है जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार को दो टूक शब्दों में पुरानी पेंशन योजना बंद करने से साफ मना कर दिया था।

डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि कर्नाटक और हरियाणा विधानसभा चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन योजना एक बहुत बड़ा चुनावी मुद्दा बनेगा इसीलिए केन्द्र की मोदी सरकार ने अपनी निश्चित हार सामने देखते हुए पुरानी पेंशन योजना की समीक्षा करने का शगुफ्ता छोड़ दिया है वह कामयाव नही होगा।डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि अगर पुरानी पेंशन से सरकार की अर्थव्यवस्था में घाटा पड़ रहा है तो सांसद मंत्री और स्वयं प्रधानमंत्री अपने वेतन-भत्ते पुरानी पेंशन छोड़ें, एक उदाहरण प्रस्तुत करें देशवासियों के सामने कि पांच साल सांसद व विधायक रहने के वाद पेशन की सुविधाऐ है लेकिन सरकारी मुलाजिमो को पेशन सुविधाऐ क्यो नही।

 

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