हिमाचल में नए डीजीपी की तैयारी शुरू, सीनियरिटी लिस्ट में एसआर ओझा सबसे आगे

शिमला: हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में नए डीजीपी के लिए तैयारी जोर शोर से शुरू हो गई. सरकार ने भी नए डीजीपी बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. हिमाचल में नए पुलिस महानिदेशक की तैनाती को लेकर दिल्ली में आज यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन में स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग होगी. इसमें हिमाचल सरकार द्वारा संभावित डीजीपी के लिए पैनल में भेजे गए. 3 नाम की जांच की जाएगी और डीजीपी पद के लिए उनकी पात्रता जांची जाएगी.

स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग के लिए राज्य के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना दिल्ली गए हुए हैं. स्क्रीनिंग के बाद पैनल में भेजे गए तीन नाम में से किसे डीजीपी लगाया जाए, यह राज्य सरकार तय करेगी. सीनियोरिटी के लिहाज से 1989 बैच के IPS एसआर ओझा का नाम सबसे आगे हैं. सीनियरिटी को तवज्जो दी गई तो इनका डीजीपी बनना लगभग तय है.

एसआर ओझा के बाद सीनियोरिटी में 1990 बैच के आईपीएस श्याम भगत नेगी दूसरे नंबर पर है. लेकिन नेगी अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. उनके प्रदेश लौटने की कम संभावना है. श्याम भगत नेगी के बाद 1991 बैच के डॉ. अतुल वर्मा तीसरे नंबर पर है. इन तीन में से ही किसी एक को पुलिस विभाग का मुखिया बनाया जा सकता है. UPSC की स्क्रीनिंग के बाद सरकार चुनाव आयोग से डीजीपी की तैनाती को मंजूरी मांगेगी. आदर्श चुनाव आचार संहिता के कारण चुनाव आयोग की परमिशन जरूरी है.

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू के छुट्टी पर जाने के बाद एसआर ओझा डीजीपी का काम देख चुके है. फिलहाल एसआर ओझा डीजीपी की रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं. ओझा पांच महीने पहले ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे हैं. केंद्र सरकार में वह सीआरपीएफ में एडीजी पद पर सेवाएं दे चुके हैं. वर्तमान में वह डीजी जेल हैं. बीते मार्च महीने में संजय कुंडू के छुट्टी पर जाने के बाद ओझा 13 दिन तक डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार देख चुके हैं.

संजय कुंडू और एसआर ओझा से सीनियर यानी 1988 बैच के IPS तपन कुमार डेका अभी दिल्ली में IB के डायरेक्टर है. लेकिन वह पिछले साल रिटायर्ड हो चुके हैं और उन्हें केंद्र ने एक साल की एक्सटेंशन दे रखी है.
राज्य का नया डीजीपी किसे बनाया जाए, यह मुख्यमंत्री सुक्खू पर निर्भर करेगा. अमूमन सत्ता परिवर्तन होते ही प्रमुख पदों पर सबसे पहले अधिकारी बदले जाते है. लेकिन सीएम सुक्खू ने मौजूदा डीजीपी संजय कुंडू को नहीं बदला.

इसका कांग्रेस पार्टी के लोगों ने अंदरखाने विरोध भी किया. क्योंकि कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए संजय कुंडू को पुलिस कॉन्स्टेबल पेपर लीक का मास्टरमाइंड बताया था. उन्हें पद से हटाने के लिए राजभवन के बाहर धरना भी दिया था. लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में आई तो डीजीपी को नहीं हटाया गया. अब कुंडू अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद रिटायर होने जा रहे हैं.

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