Shimla Fourlane: रफ्तार पकड़ेगा फोरलेन का काम निजी भूमि से 441 पेड़ कटना शुरू

कैथलीघाट से ढली फोरलेन का काम और रफ्तार पकड़ेगा। फोरलेन निर्माण के लिए राजधानी में पेड़ काटने का काम शुरू हो गया है। निर्माण कार्य के लिए शहर में शकराल-ढली फेज-2 के अंतर्गत शिमला शहर से 441 पेड़ काटे जाएंगे।  यह पेड़ लोगों की निजी भूमि से काटे जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड शहर के पेड़ों को कटवा रहा है। कटे हुए पेड़ों की नीलामी होगी। शहर के संजौली, ढली, भट्ठाकुफर, मैहली और टुटीकंडी क्षेत्रों से पेड़ों को काटा जाएगा।

कालका-शिमला फोरलेन के तीसरे चरण में कैथलीघाट-ढली हिस्से के 28.45 किमी मार्ग पर 3914.77 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सड़क निर्माण के लिए 5,000 से ज्यादा पेड़ काटे जाने हैं। ढली से शकराला पैकेज-दो में निजी पेड़ों को हटाने की सरकार से मंजूरी मिल गई है। करीब 4 हजार सरकारी और 1161 निजी पेड़ों को हटाया जाएगा। इन में से 441 पेड़ शिमला शहरी इलाकों में लोगों की निजी भूमि में है, जिन्हें काटने का काम किया जा रहा है।

पेड़ों के कटने के बाद फेज-2 ढली-शकराल में भी खुदाई का काम शुरू होगा। शोघी के पास कुछ जगह पर पेड़ों को काट दिया गया हैं। 700 मीटर लंबी टनल निर्माण के लिए ब्लास्टिंग की जा रही है। पहले चरण में कैथलीघाट से शकराल तक 1,844 करोड़ की लागत से 17.5 किलोमीटर फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है। इसमें 20 पुल, दो टनल, एक अंडरपास, 53 क्लवर्ट, एक प्रमुख जंक्शन, दो अल्प जंक्शन, एक टोल प्लाजा बनाने का कार्य चला हुआ है। दूसरे चरण में शकराला से ढली-मशोबरा जंक्शन तक 11 किलोमीटर फोरलेन का निर्माण 2070 करोड़ रुपये से किया जाएगा। इसमें तीन सुरंगें और सात पुल बनेंगे।

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