शिमला MC चुनाव: भाजपा प्रचार में उतरी, कांग्रेस अभी भी टिकटों में उलझी

शिमला। नगर निगम चुनाव शिमला में टिकट आवंटन के साथ ही राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है। सोमवार व मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल होंगे। प्रत्याशियों की सूची जारी करने में भाजपा ने पहले बाजी मारी है। वहीं तीन दिन की छुट्टियों में भाजपा ने वार्डों में अपने चुनाव कार्यालय खोलकर राजनीतिक पारा बढ़ा दिया है। चुनाव कार्यालय खोलने के बाद वार्ड स्तर पर बैठकें करने के साथ जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है। भाजपा की तीन व कांग्रेस की अभी 8 टिकट जारी की जानी हैं।

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस नामांकन से 2 दिन पहले भी सभी प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं कर पाई। पार्टी की ओर से बचे हुए 18 प्रत्याशियों में से 10 के नाम फाइनल किए गए। इनमें भराड़ी वार्ड से जितेंद्र चौधरी ,कैथू वार्ड से कांता सुयाल, मजतथ वार्ड से अनीता शर्मा, कची घाटी वार्ड से किरण शर्मा, फागली वार्ड से रूप चांद, राम बाजार वार्ड से सुषमा कुठियाला जाखू वार्ड से अतुल गौतम संजौली चौक से ममता चंदेल लोअर ढली से विशाखा मोदी और कंगना धार से राम रतन वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस की राज्य अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की ओर से 10 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है।

दूसरी तरफ सत्ताधारी दल कांग्रेस टिकटों में ही उलझा हुआ है। हालांकि कांग्रेस ने भाजपा से पहले टिकटों की पहली सूची जारी की थी। इसमें सात वार्ड से प्रत्याशियों की घोषणा की थी, जबकि दूसरी सूची में नौ प्रत्याशियों की घोषणा की थी। लेकिन भाजपा ने एक साथ 24 टिकटें जारी कर उन्हें पछाड़ दिया। कांग्रेस अभी तक किसी भी वार्ड में अपने चुनाव कार्यालय नहीं खोल पाई है। जबकि भाजपा चुनाव के लिए पूरी तरह से आक्रामक हो गई है।

प्रचार में बनाई बढ़तचुनाव कार्यालयों में पार्टी की प्रचार सामग्री रखी जाती है। इसके अलावा वार्डों की बैठकें व कार्यकर्ताओं के साथ रणनीति तैयार की जाती है। भाजपा ने चुनाव कार्यालय खोलकर प्रचार में एक तरह से बढ़त बना ली है, जबकि सत्ताधारी दल कांग्रेस अभी इसमें पिछड़ा हुआ है।

भाजपा ने जिन पदाधिकारियों को चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है वह लगातार वार्डों में बैठकें कर रहे हैं। जबकि कांग्रेस नेता इसमें भी पिछड़े हुए नजर आ रहे हैं। वार्ड स्तर पर बैठकें आयोजित नहीं हो पा रही हैं। केवल विधायक अपने वार्डों की बैठकें कर रहे हैं। कांग्रेस 10 वर्ष से निगम की सत्ता से दूर है। इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो वह इस सत्ता पर कब्जा करने का दावा कर रही है।

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